Tirupati Balaji Temple
क्या आप कभी तिरुपति बालाजी दर्शन के लिए गए है…क्या आपको बालाजी के दर्शन हुए है या आपने कभी कुछ ऐसा यहां महसूस किया है जो आपको बिल्कुल हैरान कर देने वाला हो…अगर हां तो कमेंट में जरूर बताइएंगा…
और आज हम भी आपको तिरुपति बालाजी के कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में बताने जा रहे है जो शायद आपको पता ही नहीं होंगे…सबसे पहली चीज है तिरुपति बालाजी की मूर्ति जो सदैव स्पर्श करने पर गर्म महसूस होती है, चाहे बाहर का मौसम कैसा भी हो और तो और वैज्ञानिक भी इसे स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि पत्थर की बनी मूर्ति सामान्य तापमान की तुलना में गर्म क्यों रहती है। इसके अलावा, कहा जाता है कि मूर्ति के पीछे के हिस्से से हमेशा नमी महसूस होती है, जैसे वो पसीना छोड़ रही हो।
- केश दान और बालाजी का रहस्य
भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर लगाए गए बाल पूरी तरह से प्राकृतिक और रेशमी हैं। वे हमेशा उलझन रहित और चमकदार रहते हैं, जैसे हाल ही में धोए गए हों। इस पर वैज्ञानिक भी शोध कर चुके हैं, लेकिन वे इस तथ्य का कोई ठोस कारण नहीं ढूंढ पाए।
- दीपक जो कभी बुझता नहीं
मूर्ति के सामने एक विशेष दीपक जलता है, जो सदियों से लगातार जल रहा है। मंदिर प्रशासन ने इसे बुझाने या साफ करने का प्रयास कभी नहीं किया, और यह चमत्कारी रूप से जलता रहता है। इसे लेकर कई श्रद्धालु दिव्यता का प्रतीक मानते हैं।
- नित्य पूजा का रहस्य
मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना के दौरान भगवान वेंकटेश्वर को अलग-अलग चीजें चढ़ाई जाती हैं। चढ़ाए गए सभी प्रसाद का स्वाद और सुगंध भिन्न-भिन्न रहता है, चाहे वह किसी भी समय चढ़ाया गया हो। यह वैज्ञानिकों के लिए भी आश्चर्य का विषय है।
- नाद सुनाई देना
तिरुपति बालाजी मंदिर के गर्भगृह में कान लगाने पर समुद्र की लहरों जैसी आवाज सुनाई देती है। इस मंदिर से समुद्र काफी दूर है, फिर भी यह आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई देती है।
- पुष्प माला और प्रसाद का स्थानांतरण
भगवान को जो पुष्पमाला और प्रसाद चढ़ाया जाता है, वह विशेष मार्ग से सीधे 20 किलोमीटर दूर श्रीवरि पाडालु नामक स्थान पर पहुंचाया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से रहस्यमय है और किसी को इसे करते हुए नहीं देखा गया।
- मूर्ति का झुकाव
मूर्ति को ध्यान से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान वेंकटेश्वर का शरीर दाहिनी ओर झुका हुआ है। हालांकि इसे वैज्ञानिक दृष्टि से परखा गया, परंतु कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।
- अनामिका पर चंदन का निशान
भगवान की मूर्ति के दाहिने हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) पर रोज चंदन लगाया जाता है। अगले दिन चंदन का वह निशान खुद-ब-खुद हट जाता है, मानो भगवान उसे स्वयं ग्रहण कर लेते हों।
- रहस्यमय घंटी की ध्वनि
मंदिर के गर्भगृह के आसपास अक्सर घंटियों की ध्वनि सुनाई देती है, भले ही वहां कोई घंटी न बजा रहा हो। यह श्रद्धालुओं के लिए भगवान की उपस्थिति का अनुभव कराती है।
- मंदिर की विशाल संपत्ति
तिरुपति बालाजी मंदिर भारत का सबसे धनी मंदिर है। मंदिर को मिलने वाले दान में करोड़ों रुपए, सोना, चांदी, और हीरे शामिल होते हैं। कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने स्वयं कलियुग के अंत तक कर्ज लेने की बात कही थी, जिसे चुकाने के लिए आज भी दान इकट्ठा किया जाता है।