उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से जनवरी महीने में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना विकास अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य है युवाओं को नए स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें बिना ब्याज के आर्थिक सहायता देना।
महज तीन महीने के अंदर इस योजना का बड़ा असर देखने को मिला है। वाराणसी मंडल में अब तक 2500 से ज्यादा युवा इस योजना के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह पर चल चुके हैं। इनमें से अकेले वाराणसी जिले में ही 647 युवाओं को 288 लाख रुपए का लोन वितरित किया गया है।
क्या है योजना की खास बात?
इस योजना के तहत युवाओं को बिना ब्याज के 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, शुरू के 6 महीने तक किसी तरह की ईएमआई नहीं देनी होती, जिससे युवा अपना स्टार्टअप खड़ा करने पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें। यदि कोई आवेदक 4 साल के अंदर लोन चुका देता है, तो उसे 50 हजार रुपए तक की छूट भी दी जाती है।
बिना गारंटी मिल रहा है लोन
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि लोन के लिए कोई गारंटी नहीं मांगी जाती। 21 से 40 वर्ष की उम्र के युवा अपने स्टार्टअप प्रोजेक्ट के साथ नजदीकी बैंक में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद पात्र युवाओं को बिना ब्याज वाला लोन प्रदान किया जाता है।
रोजगार का बन रहा जरिया
वाराणसी के संयुक्त आयुक्त (उद्यम) उमेश कुमार सिंह ने बताया कि योजना से न केवल युवा खुद का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, बल्कि वे दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। युवाओं के लिए यह योजना एक नए अवसर का द्वार बनकर सामने आई है।
इस योजना का मकसद है कि युवा नौकरी तलाशने के बजाय खुद नौकरी देने वाले बनें। यह अभियान प्रधानमंत्री के “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया” मिशन को भी मजबूत करता है और राज्य को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाता है।
इस तरह योगी सरकार की यह योजना सिर्फ लोन नहीं, बल्कि युवाओं के लिए सशक्त भविष्य का जरिया बनती जा रही है।
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