Rahul Gandhi : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का हालिया हरियाणा दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। इस दौरे में उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना कर रखने वाली कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एक मंच पर लाने में सफलता पाई। असंध में आयोजित पहली विजय संकल्प रैली में दोनों नेताओं के बीच सम्मान का आदान-प्रदान हुआ, जिसने पार्टी के भीतर एकता का संदेश दिया।
राहुल गांधी ने दोनों नेताओं से हेलीपैड पर बातचीत कर सैलजा की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की। सैलजा पिछले दिनों से असंतुष्ट थीं, और कांग्रेस में सबको समान हिस्सेदारी की बात कर रही थीं। उनका नाराज होना कांग्रेस के लिए बड़ा रिस्क हो सकता था, खासकर जब राज्य में दलित मतदाता 20 से 22 प्रतिशत के बीच हैं। राहुल ने उनके विचारों को महत्व देते हुए कहा कि “राज्य में सबकी सरकार होगी।”Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने रैलियों में हरियाणा के ज्वलंत मुद्दों पर बात की, जैसे बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं, और संविधान की रक्षा। उन्होंने भाजपा पर भी जोरदार हमला किया, खासकर दलितों और पिछड़ों के अधिकारों के मुद्दे पर। उनका संदेश स्पष्ट था कि कांग्रेस जातिगत जनगणना करवाकर इन समुदायों को उचित हक दिलाना चाहती है।Rahul Gandhi
वहीं, इस दौरे के दौरान, पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की, जिससे हिसार और जींद की सीटों पर कांग्रेस को नया बल मिल सकता है। राहुल गांधी ने रैलियों में युवाओं की कहानियाँ साझा करते हुए उनके संघर्षों को उजागर किया, जैसे कि विदेश जाने के लिए जमीन बेचना।Rahul Gandhi
राहुल गांधी ने किसानों और पहलवानों के मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुई किसान आंदोलन के शहीदों की याद में स्मारक बनाने और उनके परिवारों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया। भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों को झूठ बोलकर धोखा दे रही है।Rahul Gandhi
रैली में कांग्रेस नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन किया, और राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि “यहां पर हजारों शेर एक साथ हैं।” उन्होंने हरियाणा के मुद्दों को लेकर कांग्रेस की प्रतिबद्धता को फिर से रेखांकित किया, जो पार्टी के भीतर एक नई लहर का संकेत है।Rahul Gandhi
इस दौरे के माध्यम से राहुल गांधी ने न केवल पार्टी को एकजुट किया, बल्कि हरियाणा के मुद्दों पर एक नई सोच को भी पेश किया। यह एक ऐसा पल था, जिसमें कांग्रेस ने अपनी ताकत और एकता को फिर से प्रदर्शित किया, जिससे आगामी चुनावों में संभावित सफलता की उम्मीदें बढ़ी हैं।