नीरज चोपड़ा
हरियाणा के रहने वाले ओलिंपियन नीरज चोपड़ा ने शादी कर ली है। नीरज ने रविवार रात सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शादी की तस्वीरें शेयर कीं। और अब वे हनीमून के लिए अपनी पत्नी के साथ विदेश चले गए हैं। वापस लौटने के बाद रिसेप्शन पार्टी होगी।
वहीं, जैसे ही नीरज चोपड़ा की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो सब जानना चाहते थे कि उनकी पत्नी हिमानी कौन है। गूगल तक पर हिमानी को सर्च किया जाने लगा
दरअसल, हिमानी मोर सोनीपत में स्पोर्ट्स का जाना-माना चेहरा हैं। अपने चचेरे भाई से प्रेरित होकर हिमानी ने टेनिस खेलकर कई खिताब अपने नाम किए हैं। हिमानी वर्तमान में अमेरिका में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही हैं।
जून 1999 में जन्मीं हिमानी को खेल अपने परिवार से ही विरासत में मिला है, लेकिन शुरू में परिवार उनके टेनिस नहीं बल्कि कबड्डी, कुश्ती और मुक्केबाजी जैसे अन्य खेलों में जाने के पक्ष में रहा है। हिमानी चौथी क्लास से ही टेनिस खेलने लगी थीं। हिमानी ने टेनिस के सारे गुर अपनी मां से सीखे हैं। हिमानी ने राफेल नडाल को अपना आदर्श माना है और ओलिंपिक में मेडल जीतना उनका लक्ष्य है।
पिता कबड्डी और भाई टेनिस खिलाड़ी
हिमानी के पिता चांदराम मोर सर्कल कबड्डी के फेमस खिलाड़ी रह चुके हैं। वे भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान भी रहे चुके हैं। इसके साथ उन्होंने रेसलिंग भी की है। वहीं हिमानी के छोटे भाई हिमांशु मोर भी टेनिस के खिलाड़ी हैं और खेल कोटे से वायुसेना में अधिकारी हैं। वे आजकल नागपुर में तैनात हैं। उनकी शादी हो चुकी है।
हिमानी के चचेरे भाई नवीन मोर कुश्ती में 19 बार इंटरनेशनल टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे 16 बार हिंद केसरी रह चुके हैं और वर्ष 2007 में हरियाणा सरकार ने उन्हें भीम अवॉर्ड से नवाजा था। नवीन आजकल हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और सिरसा में तैनात हैं। परिवार के कई अन्य सदस्यों का भी खेलों में नाम है।
हिमानी के पिता ने गांव में बनाया स्टेडियम
हिमानी मोर वर्तमान में अमेरिका के न्यू हैंपशायर में फ्रैंकलिन पियर्स यूनिवर्सिटी में ‘स्पोर्ट्स मैनेजमेंट’ की पढ़ाई कर रही है। इससे पहले उन्होंने दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज से राजनीति विज्ञान और शारीरिक शिक्षा में स्नातक की डिग्री पूरी की थी।
हिमानी का परिवार मूल रूप से सोनीपत में जीटी रोड पर स्थित गांव लड़सौली का रहने वाला है। वहां उनके पता चांद मोर ने बड़ा स्टेडियम भी बनाया है। चांद सोनीपत के SBI बैंक से करीब 2 माह पहले ही रिटायर्ड हुए हैं।
हिमांशी की मां मीना और पिता चांद ने बेटी को स्पोर्ट्स में आगे ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मां मीना अपनी बेटी को टेनिस स्टार बनाने के लिए गांव लड़सौली में अपना घर छोड़कर कई साल तक सोनीपत शहर में किराए के मकान में रही है।
मां की तपस्या से हिमानी बनी टेनिस खिलाड़ी
हिमानी मोर की मां मीना सोनीपत के लिटिल एंजल्स स्कूल में बतौर PTI टीचर हैं। इसी स्कूल में हिमानी पढ़ती थीं। हिमानी की टेनिस खेल में रुचि पैदा करने वाली उनकी मां ही थी। अपनी बेटी को टेनिस का बेहतरीन खिलाड़ी बनाने के लिए मैदान पर भी बहुत ज्यादा प्रैक्टिस करवाती थीं। मां की तपस्या में ही हिमानी टेनिस की बेहतरीन खिलाड़ी बनी हैं। टेनिस के खेल के सारे गुर हिमानी ने अपनी मां से सीखे हैं।
हिमानी को ट्रेनिंग देने के लिए कोच रखा
शुरुआती दिनों में हिमानी के माता-पिता ने अपनी बेटी को ट्रेनिंग देने के लिए एक स्थानीय कोच रखा, जिन्होंने टेनिस की मूल बातें सिखाईं। उसके बाद ऐसे कोच की जरूरत थी, जो उन्हें इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) टूर्नामेंट जैसे बड़े स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर सके और वो भूमिका कोच के रूप में मां मीना ने निभाई।
हिमानी ने रखा सपनों की ओर पहला कदम
हिमानी के लिए सबसे यादगार पल तब आया जब उन्होंने यूरोपीय सर्किट पर एशिया का प्रतिनिधित्व किया। हिमानी ने कहा था कि, ये उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना था। कभी नहीं सोचा था कि इस उम्र में एशिया का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा
हिमानी ने खेलों में कमाया नाम
हिमानी मोर को मार्च 2018 में दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज में लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के खिताब से नवाजा गया था। उन्होंने 2017-18 में ताइवान में आयोजित वर्ल्ड यूनिवर्सिटी टेनिस चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया था। इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली वह प्रदेश से अकेली महिला खिलाड़ी थीं।
इससे पहले उन्होंने ग्वालियर में आयोजित आइटा रैंकिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया था। भारत में हिमानी की टेनिस के एकल वर्ग में 34वीं तथा युगल वर्ग में 24वीं रैंक रही है।