हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 5 अक्टूबर को हुआ, और 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाने वाले हैं। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने की उम्मीद है। एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि भाजपा ने इसे गलत करार देते हुए पूर्ण बहुमत का दावा किया है। इस लेख में, हम वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, एग्जिट पोल के परिणाम, और निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस को हरियाणा में भाजपा पर बढ़त मिलती नजर आ रही है। इसने भाजपा के लिए चिंताएं पैदा कर दी हैं, जिसने चुनावी रणनीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है। भाजपा ने अपने “प्लान बी” पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें उन्होंने मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों पर ध्यान केंद्रित किया है।
भाजपा के नेताओं का मानना है कि यदि उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, तो निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाने की संभावनाएँ मजबूत हो सकती हैं। इसके लिए, पार्टी ने उन निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ संपर्क साधना शुरू कर दिया है, जो जीतने की स्थिति में हैं।
निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका
निर्दलीय उम्मीदवार हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इनमें से कई पूर्व भाजपा या कांग्रेस के सदस्य रहे हैं, जो अब निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा
- सावित्री जिंदल (हिसार): भाजपा की बागी सावित्री जिंदल का नाम सबसे ऊपर है। भाजपा ने उन्हें मनाने के लिए उनके बेटे, सांसद नवीन जिंदल, को जिम्मेदारी सौंपी है।
- देवेंद्र कादियान (गन्नौर): कादियान ने भी मजबूत चुनाव लड़ा है और भाजपा के करीबी माने जाते हैं। उनके पीछे सीएमओ के अधिकारियों को लगाया गया है, जो उनकी गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं।
- रणजीत चौटाला (रानियां): पूर्व मंत्री और निर्दलीय प्रत्याशी, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस भी उन्हें साधने की कोशिश कर रही है।
- नवीन गोयल (गुरुग्राम): उन्होंने भी मजबूत चुनाव लड़ा है और भाजपा के संपर्क में हैं।
- नयनपाल रावत (पृथला) और बलराज कुंडू (महम): इन दोनों के बारे में भी चर्चा हो रही है कि वे चुनाव में अच्छी टक्कर दे सकते हैं।
कांग्रेस
- चित्रा सरवारा (अंबाला कैंट): सरवारा ने अनिल विज के सामने मजबूती से चुनाव लड़ा है और उन्हें टक्कर देने का दावा किया जा रहा है।
- रोहिता रेवड़ी (पानीपत): कांग्रेस की बागी उम्मीदवार, जो चुनाव में मजबूत स्थिति में हैं।
- कपूर सिंह नरवाल (बरोदा): उन्हें इंदुराज नरवाल से कड़ी टक्कर मिल रही है।
- राजेश जून (बहादुगढ़): निर्दलीय राजेश जून भी कांग्रेस के विधायक राजेंद्र जून को चुनौती दे रहे हैं।
- सतबीर भाणा (पूंडरी) और अनिता ढुल (कलायत): इन दोनों का चुनाव भी अच्छा माना जा रहा है।