आम चुनाव से पहले जहां पूरे देश में गरमा गर्मी का माहौल हैं, वहीं राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह के कारण उथल-पुथल में है। दिल्ली में उन्हें आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन पर सहमति बनानी पड़ी. अब जब गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है तो पार्टी के अंदर विरोध बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले पार्टी नेता राजकुमार चौहान ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. अब दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया है. लवली ने इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है।

मल्लिकार्जुन खड़ग को लिखे अपने पत्र में अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे के कारणों का भी जिक्र किया है. फिलहाल, कन्हैया कुमार और उदित राज को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर पार्टी के अंदर मतभेद हैं. पार्टी के कई नेताओं ने दिल्ली आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को भी खारिज कर दिया और लोकसभा चुनाव लड़ा।

लवली ने खड़गे को लिखी चिट्ठी में आप से गठजोड़ का जिक्र करते हुए लिखा कि जिस पार्टी का गठन ही कांग्रेस पर भ्रष्‍टाचार के झूठे आरोप लगाने के लिए हुआ, उससे चुनावी गठजोड़ किया गया. साथ ही दिल्‍ली के कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के रवैये को भी पद छोड़ने की वजह बताई है.

दिल्‍ली में लोकसभा की कुल 7 सीटें हैं. आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ करने के बाद कांग्रेस पार्टी के हिस्‍से में सिर्फ 3 सीटें आईं. कांग्रेस ने उत्‍तर-पूर्वी दिल्‍ली से कन्‍हैया कुमार और उत्‍तर-पश्चिमी दिल्‍ली से बीजेपी के पूर्व सांसद और अब कांग्रेस नेता उदित राज को टिकट दिया है. बताया जाता है कि अरविंदर सिंह लवली इन दोनों नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्‍याशी बनाने से भी नाराज थे. उन्‍होंने खड़गे को लिखी चिट्ठी में भी इस बात का जिक्र किया है. साथ ही उन्‍होंने दिल्‍ली कांग्रेस में कलह का ठीकरा प्रभारी दीपक बाबरिया पर फोड़ा है. अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफा के लिए दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के सिर पर ठीकरा फोड़ा है.

शीला दीक्षित सरकार में 10 साल से ज्‍यादा समय तक मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने कांग्रेस पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया था. राजकुमार चौहान भी उत्तर पश्चिमी दिल्ली से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उनका पत्‍ता कट गया और भाजपा से पाला बदलकर कांग्रेस में आए उदित राज को टिकट मिल गया. राजकुमार चौहान इससे काफी नाराज थे. अरविंदर सिंह लवली को भी कांग्रेस पार्टी का यह फैसला रास नहीं आया था. बता दें कि टिकटों का ऐलान होने के बाद दिल्‍ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने पार्टी नेताओं की बैठक हुई थी. इसमें जमकर जुबानी हमले किए गए थे.

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