Delhi: दिल्ली, एक ऐसा शहर जहाँ हर साल लाखों लोग दिवाली के त्योहार का आनंद लेते हैं, इस बार यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या ने चिंता का विषय बना दिया है। त्योहारों से पहले प्रदूषण और जल निकासी की समस्याएं एक बार फिर से सामने आई हैं, जिससे प्रशासन और नागरिक दोनों ही प्रभावित हैं।
यमुना नदी की स्थिति
यमुना नदी, जो दिल्ली की जीवनरेखा मानी जाती है, पिछले कुछ वर्षों में लगातार प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का सामना कर रही है। उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक अवशेष, घरेलू सीवेज, और अन्य अपशिष्ट पदार्थों के कारण नदी का जल स्तर दिन-ब-दिन घटता जा रहा है। इस बार, दिवाली से पहले, यमुना नदी की सतह पर जहरीले झाग की चादर दिखाई दी है, जिसने प्रशासन को सक्रिय होने पर मजबूर कर दिया।Delhi
जहरीले झाग का कारण
यमुना नदी में दिखाई दे रहे जहरीले झाग का मुख्य कारण औद्योगिक प्रदूषण और अकारण जल निकासी है। जब इन रासायनिक तत्वों का नदी में मिलन होता है, तो यह झाग के रूप में उभरता है। यह झाग न केवल दृश्यता को बाधित करता है, बल्कि यह जल की गुणवत्ता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे जलीय जीवन और स्थानीय पारिस्थितिकी को खतरा होता है।Delhi
प्रशासन की कार्रवाई
इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने एक टीम गठित की है। यह टीम कालिंदी कुंज क्षेत्र में यमुना नदी के सतह पर उपस्थित जहरीले झाग को नियंत्रित करने के लिए रसायनों का छिड़काव कर रही है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य झाग को घोलना और नदी की सतह को साफ करना है। हालांकि, यह एक अस्थायी समाधान है और इसके स्थायी समाधान के लिए अधिक गहन प्रयासों की आवश्यकता है।Delhi