लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में मतदाता सूची को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देशभर में कई राज्यों में वोटर लिस्ट पर प्रश्नचिह्न लगे हैं, और इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होना चाहिए। उनका कहना था कि अगर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी हो रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह बात सभी जानते हैं, लेकिन जब इस पर सवाल उठ रहे हैं तो इसे संसद में चर्चा के लिए लाया जाना चाहिए।
सदन में क्या बोले राहुल?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के द्वारा यह टिप्पणी किए जाने के बाद कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती, राहुल गांधी ने इस पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती, लेकिन पूरे देश में कई राज्यों में वोटर लिस्ट को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। विशेष रूप से महाराष्ट्र में, जहां विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि वोटर लिस्ट में गलत तरीके से बदलाव किए गए हैं।
राहुल गांधी ने यह मुद्दा उठाया कि विपक्ष शासित राज्यों में और खासकर महाराष्ट्र में चुनाव से पहले मतदाता सूची में नए मतदाताओं का नाम जोड़ा गया, जो संदिग्ध लगता है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाते हुए कहा कि यह एक गंभीर मामला है, और देशभर में मतदाता सूची में बदलाव को लेकर काफी चिंता पैदा हो रही है। उनका कहना था कि यह सब कुछ चुनाव आयोग की मिलीभगत से हो रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की भूमिका संदेहास्पद है।
विपक्ष का आरोप
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग केंद्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर वोटर लिस्ट में फेरबदल कर रहा है। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। ममता बनर्जी ने कहा था कि चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं, और यह स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया के लिए खतरे की घंटी है।
इस तरह के आरोपों से वोटर लिस्ट की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि अगर सरकार और चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से काम कर रहे हैं, तो इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए, ताकि जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।
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