दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हाल ही में हुई बारिश ने मौसम में अचानक बदलाव ला दिया है। जहाँ एक ओर राजधानी में झमाझम बारिश ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद की है, वहीं दूसरी ओर कोहरे का अलर्ट भी जारी किया गया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे ठंड और कोहरे का प्रभाव बढ़ने की संभावना है। शनिवार को दिल्ली ने अपने 101 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारी बारिश का अनुभव किया, और अब रविवार से दिल्ली और आसपास के इलाकों में घने कोहरे के साथ ठंड की स्थिति बन सकती है।

दिल्ली में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश

दिल्ली में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटे में 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि पिछले 101 वर्षों में सबसे अधिक थी। इससे पहले 3 दिसंबर, 1923 को 75.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो अब तक का एक दिन में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड था। 1901 के बाद यह दूसरी बार है जब दिसंबर माह में इतनी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, यह इस साल दिसंबर की बारिश ने दिल्ली के लिए नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जो 1901 के बाद से पांचवां सबसे अधिक बारिश वाला महीना बन गया है।

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि यह बारिश प्रदूषण को साफ करने में मददगार साबित हुई है। लगातार हो रही बारिश के कारण हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, और प्रदूषण का स्तर भी घटा है। शनिवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 139 था, जो मध्यम श्रेणी में आता है। इसके साथ ही शुक्रवार के मुकाबले 214 अंक की गिरावट आई है, जिससे प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी आई है। यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए राहत का कारण बनी, क्योंकि इससे आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी से राहत मिली।

कोहरे का अलर्ट: सोमवार और मंगलवार के लिए येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने 29 और 30 दिसंबर के लिए कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में घना कोहरा और स्मॉग का सामना करना पड़ सकता है। येलो अलर्ट का मतलब है कि कोहरे की स्थिति बहुत घनी हो सकती है, और सुबह के समय दृश्यता में कमी आ सकती है। हालांकि, दिन में आसमान साफ रहेगा, लेकिन शाम और रात के समय हल्का कोहरा और स्मॉग देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को कोहरे के साथ स्मॉग की मोटी चादर दिल्ली के आसमान में लिपटी रही। इससे राजधानी में सड़क यातायात पर असर पड़ा, और खासकर पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, रविवार से अधिक घना कोहरा छाने की संभावना है। दिल्ली में अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।

प्रदूषण पर प्रभाव: बारिश से राहत, लेकिन खतरा बरकरार

बरसात ने दिल्ली के प्रदूषण स्तर को साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शनिवार को प्रदूषण का स्तर कम होकर 139 AQI पर पहुंच गया, जो कि मध्यम श्रेणी में आता है। इसके साथ ही दिल्ली में शनिवार को पूरे दिन धूप नहीं निकली, और हवा की गति भी धीमी रही। हालांकि, अगले कुछ दिनों में हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सोमवार से हवा की गति धीमी होने की संभावना है, जिससे प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है।

बवाना में AQI खराब श्रेणी में दर्ज किया गया, और मुंडका समेत कई इलाकों में AQI 100 के पार जा सकता है। वहीं, आया नगर समेत कुछ इलाकों में AQI संतोषजनक श्रेणी में रहा। इसके अलावा, एनसीआर क्षेत्र में गुरुग्राम भी प्रदूषण के मामले में दिल्ली के बाद दूसरे स्थान पर रहा।

दिल्ली का तापमान और मौसम के बदलाव

शनिवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान आया नगर और रिज में 12 डिग्री, पालम में 11.8 डिग्री और लोधी रोड में 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इस बारिश से तापमान में गिरावट आई है और ठंड का असर बढ़ा है।

हालांकि, बारिश के साथ कोहरे और ठंड की स्थिति अब चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि कोहरे की वजह से दृश्यता में कमी आ सकती है, और खासकर सुबह और रात के समय ठंड में भी इजाफा हो सकता है। ऐसे में वाहन चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी, क्योंकि कोहरे और स्मॉग के कारण सड़क हादसों का खतरा बढ़ सकता है।

प्रदूषण की स्रोत और उनकी जिम्मेदारी

दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों में ट्रांसपोर्ट, कूड़ा जलने, सड़क धूल और निर्माण कार्य शामिल हैं। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के मुताबिक, हवा में प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 15.87%, कूड़ा जलाने से होने वाली प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.45%, सड़क की धूल से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.11% और निर्माण कार्यों से होने वाली प्रदूषण की हिस्सेदारी 2.13% है।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना है, क्योंकि हवा की गति धीमी हो सकती है और प्रदूषण का स्तर फिर से खराब श्रेणी में पहुंच सकता है। दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को जिम्मेदारी से काम करने की आवश्यकता है।

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