भारतीय कुश्ती की दुनिया में हाल ही में एक नया विवाद छिड़ गया है। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने अपने समकालीन पहलवान विनेश फोगाट की आलोचना करते हुए कहा है कि विनेश ने पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अपनी जिम्मेदारी नहीं ली। उन्होंने इस मामले को एक गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि यदि वह इस स्थिति में होते, तो देश से माफी मांगते।

विनेश फोगाट का अयोग्यता मामला

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन फाइनल वाले दिन, वजन के दौरान 100 ग्राम अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य करार दिया गया। यह स्थिति उनके लिए न केवल निराशाजनक थी, बल्कि यह भारतीय कुश्ती के लिए भी एक बड़ा झटका था।

योगेश्वर दत्त का बयान

योगेश्वर ने कहा, “अगर मुझे अयोग्य घोषित किया जाता, तो मैं पूरे देश से माफी मांगता। लेकिन विनेश ने इसके लिए दूसरों को दोषी ठहराया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है।” उन्होंने यह भी कहा कि अयोग्यता का निर्णय सही था, क्योंकि एथलीटों को ग्राम वजन के कारण अयोग्य घोषित किया जाता है।

योगेश्वर ने यह भी कहा कि विनेश ने अयोग्यता को एक साजिश बताने की कोशिश की, जो उन्हें हैरान करने वाली थी। उनके अनुसार, यह एक गंभीर मामला है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

विनेश के आरोप और प्रतिक्रिया

विनेश फोगाट ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और उसकी अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें पर्याप्त कानूनी समर्थन नहीं दिया गया, जिससे उनकी अयोग्यता की स्थिति बनी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय सरकार और IOA को अधिक सक्रिय होना चाहिए था।

हरीश साल्वे, जो कि विनेश के कानूनी प्रतिनिधि थे, ने उनके कुछ आरोपों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि कानूनी टीमों के बीच समन्वय की कमी थी और यह विनेश का व्यक्तिगत निर्णय था कि उन्होंने आगे की कानूनी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया।

योगेश्वर का दृष्टिकोण

योगेश्वर ने कहा कि विनेश ने भारतीय कुश्ती में गलत माहौल बनाया है। उन्होंने कहा, “विनेश ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान लोगों को गलत तरीके से इकट्ठा होने के लिए कहा। अगर हम ओलंपिक की बात करें, तो एक गलत धारणा बनाई गई कि उनके साथ कुछ गलत हुआ है।”

विनेश का राजनीतिक सफर

विनेश ने अपनी अयोग्यता के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी और बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गईं। उनकी यह राजनीतिक पारी भी चर्चा का विषय रही है। उन्होंने कहा था कि वह समाज सेवा करना चाहती हैं और राजनीतिक मंच पर अपनी आवाज उठाना चाहती हैं।

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