Assembly RuckusAssembly Ruckus

Assembly Ruckus: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा जारी रहा, जहां विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा के भीतर और बाहर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर रही है और आम जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रही है।

तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने कड़ी नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का प्रयास किया। इस दौरान कई बार कार्यवाही रोकनी पड़ी और विधानसभा अध्यक्ष को स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलें आईं।

विपक्षी दलों का आरोप: विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने विधानसभा में बहस के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल नहीं किया और यह कार्यवाही केवल सत्ता पक्ष की इच्छाओं को आगे बढ़ाने का जरिया बन गई है। विशेष रूप से, कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र की विकास योजनाओं पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी आलोचना की। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति और राज्य के नागरिकों के अधिकारों को लेकर भी सवाल उठाए गए।

सरकार की प्रतिक्रिया: सरकार ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह सत्र केवल विकास कार्यों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था, और किसी भी मुद्दे को दबाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।(Assembly Ruckus) सरकार का कहना है कि विपक्ष के विरोध का कोई ठोस कारण नहीं है और यह केवल राजनीतिक खेल है।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित: तीसरे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही को कई बार स्थगित किया गया। विपक्षी नेताओं के लगातार विरोध के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हो रही थी। (Assembly Ruckus) विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार विपक्षी नेताओं से शांतिपूर्वक बहस करने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्य नहीं माने और हंगामा जारी रखा।

क्या है भविष्य का रास्ता? विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती। वहीं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सत्र जम्मू-कश्मीर के(Assembly Ruckus) विकास के लिए है और राजनीतिक विरोध के कारण कार्यवाही को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

निष्कर्ष: तीसरे दिन का हंगामा यह संकेत देता है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आगामी सत्रों में और भी कड़ा राजनीतिक संघर्ष देखने को मिल सकता है। राज्य की राजनीति में उथल-पुथल जारी है, और यह देखना होगा कि (Assembly Ruckus) अगले कुछ दिनों में यह संकट और बढ़ता है या फिर कोई समाधान निकलता है।


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