शारदीय नवरात्र के अंतर्गत नवमी तिथि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में एक विशेष कन्या पूजन अनुष्ठान का आयोजन किया। इस अनुष्ठान में उन्होंने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव धोकर और उनका विधि-विधान से पूजन कर मातृ शक्ति की आराधना की।
कन्या पूजन की विशेषता
कन्या पूजन का यह आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनका सम्मान किया जाता है। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने निम्नलिखित कार्य किए:
- पांव धोना: सीएम योगी ने पहले पीतल के परात में जल भरकर बारी-बारी से सभी नौ कन्याओं के पांव धोए।
- तिलक और पूजा: कन्याओं के माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत और शक्तिपीठ की वेदी पर उगाई गई जई का तिलक किया गया।
- चुनरी ओढ़ाना: कन्याओं को चुनरी ओढ़ाकर उनका सम्मान किया गया, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
- उपहार और दक्षिणा: मुख्यमंत्री ने कन्याओं को उपहार और दक्षिणा प्रदान कर उनका आशीर्वाद लिया।
- भोजन का प्रबंध: पूजन के बाद, सीएम योगी ने स्वयं अपने हाथों से कन्याओं को ताजा भोजन प्रसाद परोसा। यह सुनिश्चित किया गया कि सभी बालिकाओं और बटुकों को श्रद्धापूर्वक भोजन कराया जाए।
मातृ शक्ति का सम्मान
सीएम योगी ने इस अवसर पर कन्याओं और बालिकाओं को स्नेह और प्यार से सम्मानित किया। उनका यह प्रयास न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक भी है, जिसमें समाज में कन्याओं के प्रति सम्मान और उनकी भूमिका को रेखांकित किया गया।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने कन्याओं और बटुकों के साथ संवाद करते हुए यह सुनिश्चित किया कि कोई भी बच्चा भूखा न रहे। उन्होंने मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों को निर्देशित किया कि भोजन परोसने में कोई कमी न आए।
प्रसन्नता का माहौल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कन्या पूजन कार्यक्रम इस बात का उदाहरण था कि किस प्रकार परंपरा और आधुनिकता को एक साथ रखा जा सकता है। कन्याओं को पांव धोने, पूजन करने और भोजन कराने के बाद उनकी खुशी देखते ही बन रही थी।
इस अनुष्ठान ने यह भी दर्शाया कि समाज में कन्याओं के प्रति आदर और सम्मान का भाव कितना महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री के स्नेह और सानिध्य से सभी कन्याएँ प्रसन्न थीं, जो एक सकारात्मक संदेश देने वाला था।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय बालिकाएँ और बटुक भी शामिल हुए। सीएम ने न केवल नौ कन्याओं का सम्मान किया, बल्कि अन्य बालिकाओं और बटुकों को भी उपहार और भोजन प्रदान कर उनकी भी सम्मानना की। यह सामुदायिक सहभागिता का एक बेहतरीन उदाहरण था, जो समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
शारदीय नवरात्र का महत्व
नवरात्र का त्योहार भारत की संस्कृति और परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार देवी दुर्गा की आराधना का प्रतीक है और इसके माध्यम से भक्त अपनी आस्था और श्रद्धा व्यक्त करते हैं। नवरात्रि के दौरान लोग उपवास रखते हैं, पूजा करते हैं और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं।
सीएम योगी का कन्या पूजन इस पर्व की वास्तविकता को उजागर करता है, जिसमें देवी के स्वरूपों को मानते हुए कन्याओं का सम्मान किया जाता है। यह न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।