9 दिसंबर 2018 को जननायक जनता पार्टी (JJP) का गठन हुआ… दुष्यंत चौटाला ने इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर नई पार्टी का गठन किया था.. पार्टी के गठन की पीछे चौटाला परिवार की सियासी लड़ाई रही है… और, 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी चिन्ह चाबी से JJP ने अपनी किसमत का ताला खोला….और जेजेपी किंगमेकर बनकर उभरी….जिसके बाद जेजेपी ने बीजेपी के साथ सरकार में रहते हुए, साढ़े चार साल जमकर मलाई खाई…और सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया… लेकिन अब लगता है पार्टी का ये फैसला भारी पड़ता नजर आ रहा है…
क्योंकि, बीजेपी का दामन छोड़ने के बाद से ही JJP में भगदड़ का दौर जारी है… पूर्व राज्यमंत्री और उकलाना के विधायक अनूप धानक ने चुनाव की घोषणा होते ही शुक्रवार को जेजेपी छोड़ दी थी… जबकि शनिवार को शाहबाद के विधायक रामकरण काला और गुहला चीका के विधायक चौधरी ईश्वर सिंह समेत पूर्व पंचायत मंत्री और टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली ने जेजेपी से इस्तीफा दे दिया…
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, जेजेपी पूरी तरह से हाशिये पर आ गई है… जबकि, इससे पहले हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी जननायक जनता पार्टी में भगदड़ मच गई थी… जेजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह समेत कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया था… उसी दौरान जेजेपी विधायक जोगी राम सिहाग और राम निवास सुरजाखेड़ा खुलकर बीजेपी के समर्थन में आ गए थे… हालांकि अभी इन दोनों ने पार्टी नहीं छोड़ी है… लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जेजेपी की ओर से इन विधायकों के खिलाफ स्पीकर की अदालत में दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद करने को याचिका दायर की गई थी…. जिस पर सुनवाई जारी है… इन दोनों विधायकों के भी किसी भी समय जेजेपी छोड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता..
जेजेपी के 10 विधायक थे, जिनके सहारे बीजेपी ने राज्य में साढ़े चार साल तक सरकार चलाई… ये विधायक वे थे, जिन्हें साल 2019 के विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों ने अपनी पार्टियों के टिकट नहीं दिए थे और उनकी गिनती बागियों में की जाती थी… लेकिन तब जेजेपी ने इन नेताओं को टिकट देकर विधानसभा तक पहुंचाने का काम किया था… बीती 12 मार्च को बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया था, जिसके बाद से जेजेपी लगातार बिखराव की तरफ बढ़ रही है…
जेजेपी में फिलहाल दुष्यंत चौटाला और उनकी माता नैना चौटाला के अलावा विधायक अमरजीत ढांडा समेत विधायक रामकुमार गौतम बचे हैं… रामकुमार गौतम पहले ही दुष्यंत चौटाला के खिलाफ हैं… लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम मनोहर लाल से मिले भी थे, लेकिन खुलकर अभी किसी पार्टी में नहीं गए… ऐसे में ये क्यास भी लगाए जा रहे हैं…कि, जेजेपी से बागी हुए विधायक किस पार्टी में शामिल हो सकते हैं… चैनल 4 न्यूज इंडिया के सूत्रों की माने तो रामकरण काला, ईश्वर सिंह और देवेंद्र सिंह बबली कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं.. जबकि अनूप धानक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं…