नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने बिलासपुर के सिम्स मेडिकल कॉलेज पर फैकल्टी और जरूरी संसाधनों की कमी को लेकर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कॉलेज में 2 महीने के भीतर कमियों को दूर करने का सख्त निर्देश दिया गया है। अगर कमियां दूर नहीं होती हैं तो एनएमसी एमबीबीएस की सीटें कम करने की कार्रवाई भी कर सकता है।

एनएमसी देश के सभी मेडिकल कॉलेजों पर नजर रखती है और समय-समय पर कमियों को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करती है। हाल ही में एनएमसी ने वर्चुअल बैठक के जरिए सिम्स सहित प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन और प्रोफेसरों से चर्चा की थी। इस बैठक में कॉलेजों में फैकल्टी की संख्या की जांच की गई थी, जिसमें सिम्स में कई कमियां पाई गईं।

सिम्स मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों, प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों की बड़ी कमी है। इसके चलते एमबीबीएस की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कॉलेज में 20% फैकल्टी, 43% जूनियर रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेंट की कमी है। इसके अलावा कर्मचारियों की भी कमी है।

कॉलेज में जरूरी जांच के लिए मशीनों और रिएजेंट की भी कमी है। कुछ डॉक्टर अवकाश पर हैं, जिन्हें अनुपस्थित माना गया है। हड्डी रोग विभाग में सी-आर्म मशीन भी नहीं है, जिसके कारण भारी संख्या में मरीजों को रेफर किया जा रहा है।

इन सभी कमियों को देखते हुए एनएमसी ने सिम्स मेडिकल कॉलेज पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और 2 महीने के भीतर कमियों को दूर करने का सख्त निर्देश दिया है। अगर कॉलेज समय सीमा के अंदर कमियों को दूर नहीं करता है तो एनएमसी कड़ी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें एमबीबीएस की सीटें कम करना भी शामिल है।

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