उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद आज पहला जुम्मा है। इसी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। जिले में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। जुमे की नमाज को देखते हुए शहर को 18 हिस्सों में बांट मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। आठ कंपनी पीएसी, आरएएफ और मंगाई है। हिंसा के आरोपियों में शामिल सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक पुत्र सुहेल इकबाल समेत 159 लोगों को लाखों रुपये से मुचलका पाबंद किया गया है। शहर के संवेदनशील इलाकों में पुलिसकर्मी बॉडी कैमरों के साथ तैनात हैं। BNS की धारा 163 लागू है। वहीं, चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है। इंटरनेट सेवा अस्थाई रूप से बंद है।
जामा मस्जिद के बाहर नमाज की अनुमति नहीं है। अधिकारियों की मानें तो केवल मस्जिद के अंदर इबादत की अनुमति है। एक अधिकारी के मुताबिक जामा मस्जिद के अंदर केवल स्थानीय लोगों को प्रवेश की अनुमति है। मस्जिद के सभी दरवाजों पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। आसपास के घरों की छतों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है। 50 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, दूसरी और जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सर्वे के जिला अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को ही मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार की पीठ के समक्ष शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हो सकती है।
कोर्ट कमिश्नर शुक्रवार को शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर सकते हैं। कोर्ट ने रिपोर्ट देने के लिए 29 नवंबर तक का समय दिया था। जानकार मान रहे हैं कि सब कुछ ठीक रहा तो कोर्ट कमिश्नर रिपोर्ट पेश कर देंगे। गौरतलब है कि संभल के शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था। इसको लेकर कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे। बीते रविवार सुबह सात बजे मस्जिद का सर्वे शुरू हुआ। सर्वे का काम लगभग दो घंटे में पूरा हुआ। इसी बीच, मस्जिद के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ की ओर से पुलिस पर पथराव होने लगा।कुछ उपद्रवियों ने फायरिंग करते हुए सड़क पर आगजनी की। ऐसे में पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हिंसा में 4 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।