दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी को लेकर उत्तर पूर्वी जिले के पूर्व विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल थे. लेकिन यह बैठक बेनतीजा निकली. सूत्रों की मानें तो बैठक के दौरान दिल्ली कांग्रेस के कुछ नेताओं और कन्हैया कुमार के बीच तीखी बहस हुई. बात इतनी बिगड़ गई कि एक नेता ने कन्हैया कुमार को अपशब्द तक कह डाले. हालांकि, बैठक में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कन्हैया कुमार के बीच बहस वाली बात को प्रभारी दीपक बाबरिया ने खारिज किया.
लेकिन सूत्रों की मानें तो पहले AAP के साथ गठबंधन और अब कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी को लेकर, दिल्ली कांग्रेस में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा. दरअसल, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली सीट से कांग्रेस आलाकमान ने जबसे कन्हैया कुमार को टिकट दिया है, तब से कांग्रेस के स्थानीय नेता उनकी उम्मीदवारी को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी करने से पीछे नहीं रह रहे. बगावत की स्थिति को संभालने के लिए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जिलाध्यक्षों और पूर्व विधायकों की बैठक बुलाई थी.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित भी बैठक में पहुंचे थे. वह मंच पर न जाकर पूर्व विधायकों और पदाधिकारियों के बीच बैठ गए. अरविंदर सिंह लवली ने संदीप दीक्षित को मंच पर बैठने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. तब कन्हैया कुमार ने उनसे मंच पर आने के लिए कहा, जिस पर संदीप दीक्षित भड़क गए. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी से कांग्रेस को नॉर्थ-ईस्ट सीट के अलावा दिल्ली की अन्य सीटों पर भी भारी नुकसान होने वाला है.
इस पर कन्हैया कुमार ने पलटवार करते हुए संदीप दीक्षित से कहा कि वह बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं. इतना सुनते ही दीक्षित भड़क गए. सूत्रों की मानें तो उन्होंने कन्हैया कुमार को अपशब्द कह डाले. इसके बाद दीपक बाबरिया और संदीप दीक्षित के बीच भी बहस हो गई और बैठक का कुछ नतीजा नहीं निकला. फिर कन्हैया कुमार वहां से निकल गए. हालांकि, दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि बैठक सातों सीटों पर चुनाव प्रचार की गति को तेज करने और नई रूपरेखा तैयार करने के लिए बुलाई गई थी. बैठक में तीनों लोकसभा सीटों (AAP के साथ सीट बंटवारे में कांग्रेस दिल्ली की तीन सीटों पर लड़ रही है) पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बेशक कन्हैया कुमार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली से टिकट देकर कांग्रेस जीत का दम भर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता चुनाव लड़वाते हैं. कन्हैया कुमार युवा नेता हैं और अच्छे वक्त भी हैं. साथ ही पूर्वांचली भी हैं और बीजेपी उम्मीदवार मनोज तिवारी को इस सीट पर अच्छी टक्कर दे सकते हैं. लेकिन स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता और पूर्व विधायक उनकी उम्मीदवारी से खुश नहीं हैं. कांग्रेस कैडर में इस अंतर्कलह का फयदा बीजेपी को हो सकता है. बीजेपी कार्यकर्ता ग्राउंड पर हैं और पार्टी का पूरा संगठन मजबूती के साथ मनोज तिवारी को जिताने में लगा है. एक ची और जो कन्हैया कुमार के खिलाफ जा सकती है, वह पूर्व में जेएनयू में हुई देश विरोधी नारेबाजी, जिसे बीजेपी मुद्दा बना रही है.