भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। दोनों देशों की सेनाएं 29 अक्टूबर तक LAC के पार सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी करेंगी। यह कदम द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
बता दें कि, 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव और टकराव के बाद, यह पहला अवसर है जब सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। LAC के कुछ क्षेत्रों में गश्त भी फिर से शुरू की जाएगी, जिससे स्थिति में सुधार की संभावनाएं बढ़ रही हैं। यह सैन्य वापसी विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग मैदानों पर केंद्रित होगी।
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार यह समझौता केवल डेमचोक और देपसांग के लिए मान्य होगा, जबकि अन्य टकराव स्थलों पर इस प्रक्रिया का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस समझौते के तहत, दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस लौटेंगे और उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां वे अप्रैल 2020 तक गश्त करते थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मामले में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना एक पहला कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत जल्द ही 2020 की गश्त की स्थिति में लौट आएगा। उनके अनुसार, अगला कदम तनाव कम करना होगा, लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक कि भारत को यकीन न हो कि चीन भी यही प्रक्रिया अपना रहा है।