हाल ही में, भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के स्वास्थ्य को लेकर कुछ अफवाहें फैल गई थीं। खबरें आई थीं कि उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया है। इन दावों में कहा गया था कि उनका ब्लड प्रेशर अचानक गिर गया, जिसके कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया। लेकिन, खुद रतन टाटा ने इन सभी दावों को खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि वह बिल्कुल ठीक हैं।
रतन टाटा ने अपने स्वास्थ्य के बारे में फैल रही अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।”
यह बयान रतन टाटा के स्वास्थ्य के बारे में लगातार बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। उनके इस खंडन ने लोगों को स्पष्ट किया है कि उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी किसी गंभीर समस्या का सामना नहीं किया है।
रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वे टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष हैं और उनके कार्यकाल के दौरान समूह ने कई सफलताएँ हासिल कीं। रतन टाटा को अपने कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार – पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) शामिल हैं।
शिक्षा
रतन टाटा की शिक्षा बहुत ही प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई है:
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल और बिशप कॉटन स्कूल (शिमला) से प्राप्त की।
- इसके बाद, उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में की और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की।
रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की अध्यक्षता संभाली और इस दौरान उन्होंने समूह को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने टाटा इंडिका जैसी कई सफल कारें लॉन्च कीं और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता बना दिया। उन्होंने टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, और टाटा पावर जैसे कई उपक्रमों में महत्वपूर्ण निवेश किए, जिससे समूह का विस्तार हुआ।
रतन टाटा केवल एक सफल व्यवसायी नहीं हैं, बल्कि वे एक दानवीर भी हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई सामाजिक कार्य किए हैं, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास शामिल हैं। उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से कई सामाजिक पहलों का समर्थन किया है, जो कि देश के विभिन्न हिस्सों में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं।