शोभायात्राओं में उमड़ लाखों श्रद्धालु
पश्चिम बंगाल में रामनवमी धूमधाम से मनाई गई। पर्व की शुरूआत शोभायात्राओं और ‘जय श्री राम’ के नारों से हुई। इस दौरान लाखों श्रद्धालु शोभायात्राओं में उमड़ पड़े। रामनवमी पर्व के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। सड़कों पर उत्सव का माहौल दिखाई दिया। भगवा रंग के झंडे, भक्ति संगीत और रामायण के दृश्यों को दिखाने वाली झांकियां निकाली गईं। बताया जा रहा है कि अकेले कोलकाता में 60 से ज्यादा शोभायात्राएं आयोजित की गईं। जिसके लिए लगभग 4,000 से 5,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
कोर्ट के दखल के बाद मिली शोभायात्राओं की अनुमति
बता दें कि बंगाल सरकार ने पहले रामनवमी का जुलुस निकालने पर रोक लगा दी थी। हांलाकि कोर्ट के दखल के बाद इसकी अनुमति मिल गई। वहीं रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी हर तरीके से ये जताने की कोशिश कर रही हैं कि हिंदू दूसरे दर्जे के नागरिक हैं, इसलिए हिंदुओं को हर त्योहार में कोर्ट जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 70 प्रतिशत हिंदू हैं, इसके बाद अगर राम नवमी के मौके पर हावड़ा में इतने पुलिस बल की तैनाती की गई तो मुझे लगता है दाल में कुछ काला है । कुछ तो गड़बड़ है और पश्चिम बंगाल को इस विषय में सोचना चाहिए।
इस साल सुरक्षा इंतजामों को और पुख्ता किया गया
बता दें कि राज्य में रामनवमी के मौके पर हर साल शोभा यात्रा निकाली जाती है, लेकिन सरकार ने इस साल सुरक्षा इंतजामों को और भी पुख्ता किया हुआ है। हिंदू संगठनों की ओर से 2000 से ज्यादा शोभा यात्रा निकाले जाने की उम्मीद जताई गई है। कुछ शोभा यात्रा में लोगों के हाथों में तलवारें और डंडे भी देखे गए हैं। इन शोभा यात्राओं में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों के शामिल होने का अंदाजा है। ऐसे में राज्य के सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया। कोलकाता में 5000 से ज्यादा सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। वहीं मुर्शिदाबाद, हावड़ा और कूचबिहार जैसे कई शहरों में भी पुलिसबलों की संख्या में इजाफा किया गया है।