राम मंदिर, अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने पर 11 से 13 जनवरी तक विशेष आयोजन किए जाएंगे। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य रामलला के प्रति श्रद्धा और सम्मान अर्पित करना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जनवरी को रामलला का अभिषेक करेंगे और इस दिन अयोध्या में विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के संत-धर्माचार्य और विभिन्न सम्मानित व्यक्ति शामिल होंगे। इन आयोजनों में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक प्रवचन और भव्य कलश यात्रा का आयोजन भी किया जाएगा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर होने वाले कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से त्रिदिवसीय (तीन दिनों) रूप में किया गया है, जिसे “प्रतिष्ठा द्वादशी” के रूप में मनाया जाएगा। इस आयोजन के तहत 11 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला का अभिषेक करेंगे। इस दिन अयोध्या में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और रामलला के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के अलावा, देशभर के 170 संत-धर्माचार्य, महंत और धार्मिक नेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन अयोध्या के ऐतिहासिक राम मंदिर में होने जा रहा है, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
संतों और धर्माचार्यों की उपस्थिति
इस आयोजन में उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 170 से ज्यादा संत और धर्माचार्य शामिल होंगे। इन संतों और धर्माचार्यों के साथ, अयोध्या के 37 जातीय मंदिरों के महंत भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे। यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जब विभिन्न धर्म और संप्रदाय के धार्मिक गुरु एक साथ अयोध्या में एकत्र होंगे और रामलला की पूजा करेंगे। इस समारोह के दौरान विभिन्न धार्मिक क्रियाएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें रामायण पाठ, श्रीराम कथा और भव्य हवन की योजना है।
सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रम
इस आयोजन के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। विभिन्न संगीत और नृत्य कार्यक्रमों के माध्यम से रामकथा और रामभक्ति को प्रदर्शित किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में उषा मंगेशकर, कुमार विश्वास, मालिनी अवस्थी, अनुराधा पौड़वाल, कविता पौड़वाल, स्वाति मिश्रा और कथक नृत्यांगना शोभना नारायण जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। ये कलाकार अपने संगीत और नृत्य से श्रद्धालुओं का मनोरंजन करेंगे और राम मंदिर के महत्व को उजागर करेंगे।
श्रीराम कथा और जागरूकता
इस त्रिदिवसीय आयोजन के दौरान श्रीरामकथा का भी विशेष आयोजन किया जाएगा। कथा व्यास रमेश भाई ओझा कथा का वाचन करेंगे और श्रीराम के जीवन की गाथाओं का वर्णन करेंगे। रामकथा का उद्देश्य केवल धार्मिक शिक्षाएं देना नहीं, बल्कि जनजागरण भी करना है। कथा के माध्यम से श्रीराम के जीवन और उनके आदर्शों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा, राम मंदिर के प्रति श्रद्धा और सम्मान बढ़ाने के लिए विभिन्न जन जागरण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
श्रीरामकथा का आयोजन 5 जनवरी से 11 जनवरी तक हो रहा है। इस दौरान, विशेष रूप से घटौली गांव में आयोजित रामकथा के माध्यम से क्षेत्रीय जनता को राम मंदिर के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। कथा के दौरान, श्रद्धालुओं के बीच श्रीराम के जीवन के आदर्शों और उनकी भक्ति पर जोर दिया जाएगा।
कलश यात्रा का आयोजन
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर 5 जनवरी को एक भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। यह कलश यात्रा रामकथा पंडाल से शुरू हुई और तीन किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए आस्तीक आश्रम तक पहुंची। इस यात्रा का नेतृत्व कथा प्रवाचक कमलेश मिश्र ने किया। यात्रा के दौरान श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ मंदिर की ओर बढ़े और वहां जल भरने के बाद कलश यात्रा वापस पंडाल तक पहुंची। इस कलश यात्रा में क्षेत्रीय लोग, धार्मिक गुरु, समाज के प्रतिष्ठित लोग और अन्य श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा एक प्रकार से राम मंदिर के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक बन गई है।
आयोजन की महत्वपूर्ण जानकारी
इस आयोजन में कुल मिलाकर चार प्रमुख दिन होंगे, जिनमें 11 जनवरी को अभिषेक और विशेष पूजा का आयोजन होगा, जबकि 12 और 13 जनवरी को विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालु इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे और रामलला के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे। राम मंदिर के इन विशेष आयोजनों के माध्यम से एक बार फिर भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास की महत्वपूर्ण धारा को याद किया जाएगा।
आयोजनों में प्रमुख लोग
इस कार्यक्रम में कई प्रमुख नेताओं और धार्मिक गुरुओं की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा कई राज्यसभा और लोकसभा सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश और केंद्रीय मंत्रियों का भी इस आयोजन में शिरकत करने का अनुमान है।
राम मंदिर के इतिहास की पुनः याद
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन रामलला के विग्रह की स्थापना के एक वर्ष बाद किया जा रहा है। यह वर्षगांठ न केवल अयोध्या, बल्कि देश भर में राम भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। राम मंदिर का निर्माण कई दशकों से चल रहे संघर्षों और कानूनी लड़ाइयों के बाद पूरा हुआ है, और इस आयोजन से यह साबित होता है कि राम मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुका है।