कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को वर्जीनिया के हर्नडन में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखे बयान दिए। राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद स्थिति में बदलाव आया है और अब डर का कोई असर नहीं रह गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा और मोदी सरकार ने छोटे व्यवसायियों पर एजेंसियों का दबाव डाला था, लेकिन अब वह डर खत्म हो गया है।

राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के बीच इतना डर फैलाया कि सब कुछ पल में गायब हो गया। संसद में मैं जब मोदी को देखता हूँ, तो मैं उनके आत्म-प्रस्ताव की वास्तविकता देख सकता हूँ। मोदी का ’56 इंच का सीना’ और ‘भगवान से सीधा संबंध’ जैसे दावे अब खत्म हो चुके हैं, ये सब अब इतिहास बन चुका है।”

अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी

राहुल गांधी का यह अमेरिकी दौरा उनके विपक्षी नेता के तौर पर पहला विदेशी दौरा है। वे तीन दिनों के अमेरिका दौरे पर हैं और मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी पहुंचे। इस दौरे के पहले दिन, उन्होंने टेक्सास में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी, जहां उनका स्वागत इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के सदस्यों और प्रवासी भारतीयों द्वारा किया गया।

वर्जीनिया में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत के बाद, राहुल गांधी वॉशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां उन्होंने छात्रों के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने भारतीय राजनीति और अमेरिका-भारत संबंधों पर अपने विचार साझा किए।

राहुल गांधी के इस दौरे का उद्देश्य भारतीय समुदाय के साथ संपर्क बढ़ाना और अमेरिका में भारतीय मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है। उनके बयान और यात्रा का कांग्रेस पार्टी और भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण असर हो सकता है, खासकर 2024 के चुनावों के मद्देनजर।

चुनावी रणनीति और प्रभाव

राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा और उनके द्वारा दिए गए बयान भारत में राजनीतिक चर्चाओं को गति दे सकते हैं। यह यात्रा कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो अपने वैश्विक संपर्कों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है। राहुल गांधी का यह दौरा भारतीय राजनीति में एक नए मोड़ का संकेत हो सकता है, जिससे आगामी चुनावों के लिए रणनीतियाँ और समीकरण बदल सकते हैं।

राहुल गांधी की भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में स्पीच की तीन बड़ी बातें

राहुल गांधी ने वर्जीनिया के हर्नडन में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उनकी स्पीच में तीन प्रमुख बातें सामने आईं, जो भारतीय राजनीति और कांग्रेस पार्टी की स्थिति को दर्शाती हैं।

1. चुनाव से पहले बैंक अकाउंट सील कर दिए गए

राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में कांग्रेस पार्टी की वित्तीय समस्याओं पर जोर देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के सभी बैंक अकाउंट्स सील कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि उनके फाइनेंस डिपार्टमेंट से एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि पार्टी के सभी खाते बंद कर दिए गए थे, जिससे विज्ञापन और कैंपेनिंग के लिए पैसे की किल्लत हो गई थी। राहुल गांधी ने कहा कि इस स्थिति से कांग्रेस को बेहद मुश्किलें आईं, और नेताओं के आने-जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। उन्होंने बताया कि इस स्थिति में पार्टी के ट्रेजरर और सीनियर नेताओं के सामने एक अनोखा और चुनौतीपूर्ण अनुभव था। राहुल गांधी ने कहा कि इस कठिन समय में पार्टी ने धैर्य रखा और चुनावी अभियान को चलाया, यह दिखाते हुए कि पार्टी की मानसिकता कितनी मजबूत थी।

2. देश सबका है, ये BJP नहीं मानती

राहुल गांधी ने भाजपा (भा.ज.पा.) पर आरोप लगाया कि वह इस विचार को नहीं मानती कि भारत सभी का है। उन्होंने कहा कि भारत एक संघ है, और संविधान में इसे स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि भारत एक संघ राज्य है जिसमें विभिन्न इतिहास, परंपराएं, संगीत, और नृत्य शामिल हैं। राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस संघात्मक संरचना को स्वीकार नहीं करती और इसके उलट मानती है कि कुछ राज्य और उनके सांस्कृतिक तत्वों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।

3. RSS भारत को नहीं समझती

राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि RSS भारत की विविधता को समझने में विफल है। राहुल गांधी के अनुसार, RSS मानती है कि कुछ राज्य, भाषाएं, और धर्म दूसरों से कमतर हैं। उन्होंने कहा कि RSS की विचारधारा में तमिल, मराठी, बंगाली, और मणिपुरी जैसी भाषाएं कमतर मानी जाती हैं, जो कि भारत की सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि RSS की यह सोच भारत की वास्तविकता को नहीं समझती और इसी कारण भारतीय समाज में विभाजन और संघर्ष उत्पन्न होते हैं।

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