पुंछ में हाल ही में आयोजित एक रैली के दौरान, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर नफरत और हिंसा फैलाने का गंभीर आरोप लगाया। यह रैली स्थानीय मुद्दों और राजनीतिक चुनौतियों के संदर्भ में आयोजित की गई थी, जिसमें राहुल ने अपने विचार व्यक्त किए और सरकार की नीतियों की आलोचना की।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस देश में केवल नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नफरत को नफरत से खत्म नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे प्यार और एकता के माध्यम से समाप्त किया जाना चाहिए। उनका यह संदेश स्पष्ट था कि समाज में शांति और सद्भाव के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।
राहुल ने अपनी पहली मांग के रूप में राज्य का दर्जा फिर से बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाएगी और यदि सरकार इसे नजरअंदाज करती है, तो कांग्रेस इसे खुद करेंगे। यह बयान जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए था, जहां राज्य का दर्जा छीन लिया गया था।
राहुल गांधी ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में बेरोजगारी फैला रखी है और हजारों करोड़ रुपये अपने मित्रों के लिए माफ कर दिए हैं। उनका यह आरोप विशेष रूप से उन मुद्दों की ओर इशारा करता है, जो आम जनता को प्रभावित करते हैं।
राहुल ने यह भी कहा कि लोगों को अपनी सरकार चलाने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में यह सरकार दिल्ली से संचालित हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य की सरकार को श्रीनगर और जम्मू से चलाना चाहिए, ताकि स्थानीय मुद्दों का समाधान हो सके।
राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा और आरएसएस हमेशा समुदायों को बांटने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी और गुर्जर भाईचारे को आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है। उनके अनुसार, सभी लोग समान हैं और किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा।
रैली में राहुल ने स्थानीय लोगों से आशीर्वाद मांगा और वादा किया कि उनकी समस्याओं को संसद में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वे अगली बार दो से तीन दिन के लिए यहां आएंगे, ताकि लोगों के मुद्दों को और गहराई से समझा जा सके।