पुणे में 19 मई को हुए दुखद हादसे में दो आईटी इंजीनियरों की मौत के बाद आरोपी नाबालिग को जमानत मिल गई थी, लेकिन ताजा घटनाक्रम में उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने जांच में पाया कि हादसे से पहले नाबालिग ने शहर के दो पब में दोस्तों के साथ जमकर शराब पी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले पब में केवल 90 मिनट में 48 हजार रुपये का बिल हुआ था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, नाबालिग शनिवार रात 10:40 बजे Cosie पब गया था। पब बंद होने के बाद 12:10 बजे वो दोस्तों के साथ बाहर आया। इस दौरान उसने 48 हजार रुपये के बिल का भुगतान किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद वो दूसरे पब Blak Mariott गया।

ACP मनोज पाटिल ने कहा, “हाथ में 48 हजार रुपये का बिल है, जिसका भुगतान नाबालिग ने किया था। इसमें उनकी और दोस्तों की पी गई शराब शामिल है।” पुलिस ने शहर के इन दोनों पब को सील कर दिया है।

पुणे केस में पुलिस नाबालिग आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है.

जांच में यह भी सामने आया है कि जिस पोर्श कार से हादसा हुआ था, उसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने कहा कि 1,758 रुपये की फीस का भुगतान न करने के कारण कार का रजिस्ट्रेशन मार्च से पेंडिंग था।

अधिकारियों का कहना है कि उनके रिकॉर्ड के मुताबिक कार के पास मार्च से सितंबर 2024 तक छह महीने की वैधता के साथ कर्नाटक द्वारा जारी अस्थायी पंजीकरण प्रमाण पत्र है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में पोर्श डीलर की कोई गलती नहीं थी क्योंकि उसने अस्थायी पंजीकरण करने के बाद कार सौंप दी थी। इसलिए यह मालिक की जिम्मेदारी थी कि वे इसे सड़कों पर चलाने से पहले आरटीओ में रजिस्टर कराए।

गौरतलब है कि टेम्प्रेरी रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन का उपयोग सिर्फ आरटीओ तक आने-जाने के लिए किया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि नाबालिग (17 साल) लड़के पर 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। वहीं लक्जरी कार को 12 महीने तक किसी भी आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

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