दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 500 को पार कर चुका है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। दिल्ली-NCR में प्रदूषण और दमघोंटू हवा के कारण लोग सांस लेने में भी कठिनाई महसूस कर रहे हैं। मौसम विभाग और मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले दो से तीन दिनों तक प्रदूषण की यह स्थिति जारी रह सकती है। इस रिपोर्ट में हम समझेंगे कि दिल्ली में अचानक से प्रदूषण का स्तर इतना क्यों बढ़ गया, इसके कारण क्या हैं, और आगामी दिनों में इस पर कैसे नियंत्रण पाया जा सकता है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का हाल
दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर हमेशा ही एक गंभीर समस्या रही है, लेकिन इस बार स्थिति कहीं अधिक विकट हो गई है। शहर के विभिन्न हिस्सों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, यह स्थिति कुछ विशेष कारणों की वजह से उत्पन्न हुई है।
दिल्ली-NCR में इस समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 से ऊपर है, जो खतरनाक स्तर पर है। यह इतना ज्यादा है कि इस स्थिति को “गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है।
प्रदूषण का कारण क्या है?
इस बढ़ते प्रदूषण के पीछे मुख्य कारणों में पराली जलाने की घटनाएं और ठंडी हवाओं का मिश्रण है। हर साल अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पराली जलाने की घटनाएं होती हैं। इस प्रक्रिया में निकलने वाला धुंआ और प्रदूषक तत्व हवा में घुलकर दिल्ली-NCR के वायू प्रदूषण को और बढ़ा देते हैं।
इस समय पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में घने कोहरे और मंद उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंसे हुए हैं। मौसम में गिरावट के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे प्रदूषण सतह के करीब आ गया है और हवा में घुलने से स्थिति और भी खराब हो गई है। इस बीच, मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति अगर नहीं बढ़ी तो अगले दो से तीन दिनों तक प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ सकता है, और यह स्थिति बनी रहेगी।
मौसम विशेषज्ञों का बयान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, “इस वक्त दिल्ली-NCR में ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंसे हुए हैं। तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति की वजह से प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। जब हवा की गति धीमी होती है, तो प्रदूषण का स्तर बढ़ता है क्योंकि हवा में घुलने वाले प्रदूषक तत्व नीचे की सतह पर जमा हो जाते हैं और यह प्रदूषण की गंभीर स्थिति का कारण बनता है।”
महेश पलावत ने आगे बताया कि, “अगर हवा की गति में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है तो अगले दो से तीन दिनों में प्रदूषण के स्तर में कोई खास सुधार होने की संभावना नहीं है। हालांकि, सप्ताह के अंत तक बारिश होने की संभावना है, जो प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।”
दिल्ली के स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली के प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर रूप से पड़ा है। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से श्वसन सम्बन्धी बीमारियां बढ़ सकती हैं, जैसे दमा, सांस लेने में तकलीफ, हृदय रोग, और अस्थमा की समस्याएं। इसके अलावा, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अधिक खतरा होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि लोग बाहर जाते समय मास्क पहनने और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।
क्या करें लोग प्रदूषण से बचने के लिए?
प्रदूषण के इस घातक स्तर से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:
- मास्क पहनें: बाहर जाने से पहले N95 मास्क पहनें, जो हवा में मौजूद छोटे प्रदूषक कणों से बचाव करता है।
- घरों में एयर प्यूरीफायर लगाएं: घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जो हवा को शुद्ध करता है और प्रदूषण को नियंत्रित करता है।
- ज्यादा बाहर न निकलें: अगर संभव हो तो प्रदूषण के उच्च स्तर के दौरान बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और रात के समय जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
- हाइड्रेटेड रहें: प्रदूषण से लड़ने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना महत्वपूर्ण है, इससे आपके श्वसन तंत्र को मदद मिलती है।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें