पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान इलाके में वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला।
हरदोई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते, उन्हें डंडे से ही समझाना पड़ेगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में दंगाइयों को सेक्युलरिज्म के नाम पर खुली छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा, “बंगाल जल रहा है, लेकिन वहां की मुख्यमंत्री चुप हैं। टीएमसी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियाँ मुर्शिदाबाद की हिंसा पर कुछ नहीं बोल रहीं। अगर किसी को बांग्लादेश इतना पसंद है, तो वे वहीं चले जाएं, भारत की भूमि पर बोझ क्यों बन रहे हैं?”
सीएम योगी के तीखे बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “हर नागरिक को लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।” ममता ने धार्मिक आधार पर किसी भी प्रकार की उकसावे वाली गतिविधियों से दूर रहने की भी अपील की।
पुलिस ने इस मामले में अब तक स्थिति को काबू में बताया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा के दौरान कई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिसकर्मी भी हमले में घायल हुए हैं, लेकिन हालात अब काबू में हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य और केंद्र की राजनीति में फिर से टकराव की स्थिति पैदा कर दी है। जहां एक ओर योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था के नाम पर कड़े कदम उठाने की वकालत कर रहे हैं, वहीं ममता बनर्जी लोकतांत्रिक अधिकारों और सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील कर रही हैं।
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