दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के पंजाब के स्कूलों का दौरा करने पर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर पंजाब में शिक्षा नीति सिसोदिया ही संभाल रहे हैं, तो शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को पद छोड़ देना चाहिए।
बता दें कि, मनीष सिसोदिया ने हाल ही में पंजाब के मोहाली, गुरदासपुर और तरनतारन जिलों के स्कूलों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्कूलों की स्थिति का जायजा लिया और शिक्षकों व प्रिंसिपलों को निर्देश भी दिए। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने इस पर आपत्ति जताई और इसे दिल्ली के कथित “फेल” मॉडल को पंजाब में लागू करने की कोशिश बताया।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी के मॉडल को नकार दिया है, ऐसे में सिसोदिया का पंजाब के स्कूलों का दौरा करना राज्य के शिक्षा मंत्री की भूमिका को कमजोर करने जैसा है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर सरकार को सिसोदिया पर इतना भरोसा है, तो उन्हें चुनाव लड़वाकर शिक्षा मंत्री बना देना चाहिए, लेकिन मौजूदा मंत्री की अनदेखी करना उचित नहीं।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में दिल्ली और पंजाब सरकार के बीच नॉलेज शेयरिंग प्रोजेक्ट के तहत एक समझौता (MoU) साइन हुआ था, जिसमें दोनों राज्यों की सरकारों ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग का वादा किया था। अब नई राजनीतिक परिस्थितियों में इस समझौते का भविष्य भी सवालों के घेरे में आ गया है।