प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे का समर्थन अब साधु-संतों द्वारा खुलकर किया जा रहा है। खासकर उस वक्त, जब ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने वोट जिहाद के पक्ष में बयान दिया है, जिससे हिंदू संतों में आक्रोश फैल गया है। नोमानी का कहना था कि मुस्लिम समुदाय को भाजपा का समर्थन करने वालों का “हुक्का पानी बंद” कर देना चाहिए। इसके बाद से देशभर के साधु-संतों ने एकजुट होकर इस बयान की निंदा की और प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ नारे को अपना समर्थन दिया।

हिंदू समाज को एकजुट होने की आवश्यकता

हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने कहा कि सज्जाद नोमानी का बयान पूरी तरह से विभाजनकारी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू समाज को अब एकजुट होने का समय आ गया है, ताकि देश, धर्म और सनातन संस्कृति की रक्षा हो सके। स्वामी हंसराम ने आगे कहा कि, “यदि हम एक हैं, तो हम सुरक्षित हैं,” और यह कि अब हिंदुओं को धर्म और राष्ट्रहित में एकजुट होकर मतदान करना चाहिए।

मुसलमानों के साथ वोट जिहाद की अपील पर संतों का विरोध

मथुरा और वृंदावन में जमा हुए साधु-संतों ने भी इस विचार का समर्थन किया कि हिंदू समाज को अब जातिवाद और संप्रदायवाद से ऊपर उठकर एकजुट होकर मतदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुस्लिम समुदाय एकजुट होकर किसी एक पार्टी का समर्थन करता है, उसी तरह हिंदुओं को भी सनातन धर्म को बचाने वाली पार्टी का समर्थन करना चाहिए।

सज्जाद नोमानी के बयान को देशद्रोह करार दिया

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत दुर्गादास ने सज्जाद नोमानी के बयान को निंदनीय और देशद्रोह करार दिया। उन्होंने कहा कि मौलाना ने मतदाताओं को बांटने का काम किया है और उनका बयान राष्ट्रीय एकता के खिलाफ है। महंत दुर्गादास ने सवाल उठाया कि “क्या आप मतदान करने के अधिकार को छीनना चाहते हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक नागरिक को मतदान करने का स्वतंत्र अधिकार है, और किसी भी मौलवी या मौलाना को इसे नियंत्रित करने का अधिकार नहीं है।

संविधान और धर्म की रक्षा के लिए मतदान की अपील

साध्वी गीतांबा तीर्थ, जो दुर्गा मातृ छाया शक्तिपीठ की संस्थापिका हैं, ने भी हिंदू समाज से एकजुट होकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को जातियों में बंटकर नहीं, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा करने वाले दल के पक्ष में वोट देना चाहिए। उनका मानना है कि मुस्लिम समाज की तरह हिंदू समाज को भी एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी चाहिए।

संतों ने किया संप्रदायवाद के खिलाफ खुलकर विरोध

अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि, “महाराष्ट्र में जिस तरह से मुस्लिम मौलवियों और कट्टरपंथियों के जरिए हिंदू मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, वह चिंता का विषय है।” महंत राजू दास ने कहा कि इस समय हिंदू समाज को एकजुट होकर सनातन धर्म को बचाने वाली पार्टी का समर्थन करना चाहिए।