साइक्लोन ‘रेमल’ ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में जमकर तबाही मचाया. इससे 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्ड के करीब 29,500 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले में दक्षिणी तटीय इलाके हैं. वहीं, बांग्लादेश के तटीय इलाकों में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा.

‘रेमल’ के तट से टकराने पर 120 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और सैकड़ों गांवों में पानी भर गया. मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ और हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी. विभाग ने बताया कि इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में 2,140 से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग 1,700 बिजली के खंभे गिर गए.
शुरुआती आंकलन से पता चला है कि 27,000 घर आंशिक रूप से और 2,500 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि ये आंकड़े बढ़ सकते हैं, क्योंकि आंकड़े जुटाने और क्षति का अनुमान लगाने के साथ मूल्यांकन जारी है. मूल्यांकन प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है. जिलों से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं और नुकसान के अनुमान की गणना की जा रही है.

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने 2,07,060 लोगों को 1,438 सुरक्षित आश्रयों में पहुंचा दिया है. वर्तमान में वहां 77,288 लोग हैं. इस समय 341 रसोई के माध्यम से उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है. तटीय और निचले इलाकों में प्रभावित लोगों को 17,738 तिरपाल वितरित किए हैं. प्रभावित क्षेत्रों में काकद्वीप, नामखाना, सागर द्वीप, डायमंड हार्बर, फ्रेजरगंज, बक्खली और मंदारमनी शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात के कारण तटबंधों में मामूली दरारें आ गई थीं, जिनकी तुरंत मरम्मत कर दी गई. अब तक तटबंध के टूटने की कोई सूचना नहीं मिली है। जिनके बारे में भी सूचना आई, वे मामूली थीं और उन्हें तुरंत ठीक कर लिया गया. चक्रवात के कारण अब तक छह लोग जान गंवा चुके हैं. कोलकाता में एक, दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं, उत्तर 24 परगना जिले में एक और पूर्व मेदिनीपुर में पिता-पुत्र की मौत हो चुकी है.

चक्रवात ‘रेमल’ के कारण तटीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. पश्चिम बंगाल और पड़ोसी बांग्लादेश दोनों जगहों पर महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना को क्षति की सूचना मिली है. बंग्लादेश में तूफान ने 35 से अधिक घरों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है और 37.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. लगभग डेढ़ करोड़ लोग बिजली कटौती से प्रभावित हुए हैं.

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