बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार तीखे मतभेद देखने को मिले. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान से बिहार में सियासत गरमा गई है. यह बयान न सिर्फ अगले पांच चरणों में बल्कि उनसे आगे भी काफी अहम माना जा रहा है. दरअसल, सूर्यगढ़ा में जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया.

नीतीश कुमार जनता को यह समझाने की कोशिश करते दिखे कि आरजेडी को चुनने के बावजूद वह आरजेडी छोड़कर भाजपा में क्यों लौटे। अपने भाषण के दौराननीतीश कुमार ने कहा कि हम कुछ दिन के लिए आरजेडी के साथ चले गए थे. लेकिन, कुछ दिन बाद ही गड़बड़ करने लगा, जिसकी हमें जानकारी मिल रही थी. तब हमने तय कर लिया कि अब इन लोगो के साथ नहीं रहना है. नीतीश कुमार ने इस बात का भी जिक्र किया कि कैसे सब हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश किया था और बड़ी राशि का प्रलोभन भी दिया था. लेकिन, सफल नहीं हो पाया.

इसके बाद नीतीश कुमार ने जो बोला उसने बिहार के सियासत में हलचल तेज कर दी है. नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे साथ रहकर जितना इधर से उधर किया है, सबका जांच होगा. चुनाव के बाद हम एक-एक मामले की जहां गड़बड़ी हुई है उसकी जांच करवाएंगे. यहां हम लोगों के लिए काम करते हैं, कोई अपने परिवार के लिए करते हैं. लेकिन, उन लोगों को जब मौका मिलता है तो सिर्फ अपने परिवार के लिए काम करता है. नीतीश कुमार के इस आरोप पर बिहार की सियासत तेज हो गयी है.

बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि गड़बड़ी करना आरजेडी की फितरत रही है. मुख्यमंत्री जी ने इनकी गलती पकड़ ली है. ऐसे में चुनाव के बाद सच्चाई सबके सामने आ आएगी. तब जो दोषी होंगे उन्हें जेल जाना ही होगा. वहीं आरजेडी प्रवक्ता एज्जा यादव ने नीतीश कुमार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी जब हमारे साथ रहते हैं तो कहते हैं तेजस्वी जी को सब जानबूझ कर फंसाता है. और जैसे ही हटते हैं इस तरह की बातें करने लगते हैं. तेजस्वी जी पर केन्द्र की सरकार ने पहले ही जानबूझकर षड्यंत्र के तहत ED-CBI जैसी संस्था लगा रखी है. बिहार की जनता सब देख रही है और लोकसभा चुनाव में इसका जवाब वोट से देगी.

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