टोंक, राजस्थान: राजस्थान के टोंक जिले के देवरी-उनियाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान हुए एक विवादास्पद घटना में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना बुधवार को घटित हुई, और इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है और समरावता गांव में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

नरेश मीणा ने गिरफ्तारी से पहले क्या कहा?

गिरफ्तारी के दौरान मीडिया से बात करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी देने आए हैं और इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए कहा, “हमने जवाबी कार्रवाई की। यदि कलेक्टर मौके पर होते तो ऐसा नहीं होता।” मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पुलिस कस्टडी से नहीं भागे थे।

उन्होंने एसडीएम पर आरोप लगाया कि उनके देखरेख में फर्जी वोटिंग हो रही थी। उन्होंने यह भी कहा, “अगर एसडीएम किसी भी जाति से होते, तो भी मैं उन्हें पीटता।” मीणा के अनुसार, एसडीएम की जाति से कोई फर्क नहीं पड़ता, उनका व्यवहार ही महत्वपूर्ण है।

पुलिस कार्रवाई और बवाल

एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा फरार हो गए थे। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए रातभर तलाशी ली और आज उसे समरावता गांव से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बुधवार रात को पुलिस ने नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा किए गए पत्थरबाजी का सामना किया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और दोनों पक्षों के बीच फायरिंग भी हुई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे और 60 लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में चार एफआईआर दर्ज की गई हैं।

मतदान के दौरान क्यों हुआ बवाल?

देवरी-उनियाला विधानसभा क्षेत्र के कचरावता ग्राम पंचायत के समरावता गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। उनका कहना है कि उनका गांव पहले उनियारा उपखंड में था, लेकिन पिछली सरकार ने इसे देवली उपखंड में शामिल कर लिया था, जिसके कारण ग्रामीण नाखुश हैं। उनका मुख्य अनुरोध है कि गांव को फिर से उनियारा उपखंड में शामिल किया जाए। पुलिस का आरोप है कि नरेश मीणा इन ग्रामीणों को मतदान का बहिष्कार करने के लिए दबाव बना रहे थे।1