हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल के हॉस्टल में 24 बच्चे सोए हुए थे, लेकिन बलि के लिए केवल कृतार्थ को ही क्यों उठाया गया, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है। 11 वर्षीय कृतार्थ का शव 23 सितंबर को सादाबाद में स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल की कार में मिला। इस हत्या की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है, और स्थानीय लोग इस घटना के पीछे के कारण जानने के लिए बेचैन हैं।
हाथरस के सहपऊ कस्बे में स्थित डीएल पब्लिक स्कूल में लगभग 700 बच्चे पढ़ते हैं। हॉस्टल में 24 बच्चे रह रहे थे, जिनमें कक्षा दो से लेकर कक्षा आठ तक के छात्र शामिल हैं। कृतार्थ, जो तुरसेन गांव का निवासी था, हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। स्कूल प्रबंधक ने दावा किया कि कृतार्थ की तबीयत खराब हो गई थी, और उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया, लेकिन बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई।
हत्या का खुलासा
पुलिस ने तंत्र-मंत्र के लिए कृतार्थ की हत्या का दावा किया है। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें स्कूल प्रबंधक और उसके पिता शामिल हैं। प्रबंधक का पिता जसोदन तांत्रिक बताया जा रहा है। पुलिस की इस कहानी पर कई सवाल उठ रहे हैं, विशेषकर यह कि अगर तंत्र-मंत्र के लिए बलि की आवश्यकता थी, तो फिर हॉस्टल में अन्य 23 बच्चों में से कृतार्थ को ही क्यों चुना गया?
परिवार और स्थानीय लोगों का गुस्सा
कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण और अन्य परिवार के सदस्य इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं। श्रीकृष्ण ने कहा, “पुलिस कुछ छिपा रही है। हमें जानना है कि हमारे बेटे के साथ ऐसा क्यों हुआ।” कृतार्थ के ताऊ घनश्याम भी यही सवाल उठाते हैं और पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि उन्हें हत्या की सही वजह का पता लगाना चाहिए।
पुलिस का जवाब
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। लेकिन अब तक इस सवाल का कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया है। स्थानीय लोग इस मामले में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि कृतार्थ की हत्या के पीछे की असली वजह क्या है।
22 सितंबर की रात, दिनेश बघेल ने दावा किया कि कृतार्थ की तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने उसे पहले सादाबाद के एक चिकित्सक के पास ले जाने का प्रयास किया, और फिर आगरा भी गए, जहां डॉक्टरों ने कृतार्थ को मृत घोषित कर दिया।
परिवार की प्रतिक्रिया
जब दिनेश बघेल कृतार्थ के शव के साथ लौट रहे थे, तब कृतार्थ के परिवार वाले उन्हें सादाबाद में घेर लिया। परिवार को संदेह था कि कुछ गड़बड़ है, और उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि कृतार्थ की अचानक मौत हुई है।
पोस्टमार्टम और गिरफ्तारी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने की वजह से हत्या की पुष्टि हुई। इसके बाद दिनेश बघेल को हिरासत में लिया गया, और अंततः उसके पिता, जो एक तांत्रिक बताए जा रहे हैं, को भी गिरफ्तार किया गया।
अनुत्तरित सवाल
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कृतार्थ को ही बलि के लिए क्यों चुना गया। हॉस्टल में अन्य बच्चे भी थे, लेकिन कृतार्थ का चयन क्यों हुआ? यह सवाल न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पुलिस को अब इस हत्या के पीछे के सही कारणों की तहकीकात करनी होगी।