17 सितंबर 2024: गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने रेवाड़ी में मंगलवार को बावल विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर कृष्ण कुमार के समर्थन में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री बनवारी लाल की टिकट कटने के पीछे की वजहों पर खुलासा करते हुए भाजपा के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
पूर्व मंत्री बनवारी लाल की टिकट काटने पर प्रतिक्रिया
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पार्टी के द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर पूर्व मंत्री बनवारी लाल की टिकट काटी गई। उन्होंने बताया कि सर्वे से पता चला कि डॉक्टर बनवारी लाल ने बावल क्षेत्र में अच्छा काम किया था, लेकिन एंटी इनकंबेंसी फैक्टर भी एक कारण था। उन्होंने कहा, “2019 के चुनाव में जिस हल्के से 70 हजार से ज्यादा की लीड मिली थी, आज 2024 लोकसभा चुनाव में वह लीड केवल 22 हजार रह गई है। इसका मतलब कुछ गड़बड़ जरूर हुई है। इस बार हम सुनिश्चित करेंगे कि यह गड़बड़ नहीं होने पाए।”
भाजपा को 10 साल बाद मिली महत्वता
सांसद ने भाजपा की ओर से 10 साल बाद मिले महत्व की बात की और दक्षिण भारत की राजनीति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा से मिली रिपोर्ट के अनुसार, इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूरे दक्षिण भारत में भिवानी से लेकर फरीदाबाद तक 14 से 15 सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहले भाजपा को इतनी सीटें कभी नहीं मिली थीं और अब पार्टी ने 10 साल बाद हमें महत्व दिया है।
राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण भारत की राजनीति की तुलना करते हुए कहा, “गांव में एक कहावत है कि 12 साल में तो कूड़ी का भी नंबर आ जाता है। 10 साल तक हमने भाजपा की सरकार बनाई है। हम कूड़ी से गए गुजरे तो नहीं हैं।”
पार्टी के फैसले पर जोर
उन्होंने पार्टी के फैसले के अनुरूप कैंडिडेट को जिताने की बात की और कहा कि पार्टी का निर्णय अंतिम है। उन्होंने यह भी दोहराया कि जो कुछ भी गड़बड़ियां थीं, उन्हें ठीक किया जाएगा और इस बार चुनाव में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
राव इंद्रजीत सिंह के बयान ने भाजपा के भीतर चल रहे सियासी संघर्ष और टिकट वितरण के कारणों को उजागर किया है। उन्होंने पार्टी के प्रति अपने समर्थन और महत्व को व्यक्त किया और भविष्य के चुनावी रणनीतियों के लिए आश्वस्त किया कि कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। दक्षिण भारत में भाजपा के संभावित लाभ और भाजपा द्वारा दिए गए महत्व को लेकर भी उन्होंने अपनी राय साझा की, जो पार्टी के भीतर आत्ममूल्य और सशक्तिकरण का संकेत है।