पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार का एक ऐसा करनामा सामने आया है। जिसके बारे में सुनकर आप भी सिर पकड़ लेंगें, और कहेंगे की ऐसा भी हो सकता है क्या? दरअसल आप सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पिछले 20 महीनों से एक ऐसे विभाग को चला रहे थे जो कि सरकारी दस्तावेजों में मौजूद ही नहीं था। उन्हें भगवंत मान ने प्रशासनिक सुधार विभाग का मंत्री बनाया था। जो हकीकत में है ही नहीं। यानी कि कुलदीप सिंह धालीवाल बस नाम के मंत्री थे। काम कुछ नहीं था। मंत्री तो बेशक थे। लेकिन मंत्रालय नहीं था। विभाग जुबां पर तो था लेकिन कागजों में नहीं था। मंत्रालय का जिक्र तो होता था। लेकिन दफ्तर नहीं था। वहीं जब इसका खुलासा हुआ तो सरकार ने भी अपनी गलती ठीक कर दी, और अधिसूचना जारी कर सफाई दी। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बीजेपी और अकाली दल को घेरने का मौका मिल गया।
प्रदीप भंडारी ने AAP को घेरा
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने शासन को मजाक बना दिया है। आप के मंत्री ने 20 महीने तक एक ऐसा विभाग चलाया जो अस्तित्व में ही नहीं था। 20 महीने तक सीएम को यह भी पता नहीं था कि एक मंत्री एक “अस्तित्वहीन विभाग” चला रहा है।
अमित मालवीय ने भी साधा निशाना
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी पंजाब की आप सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आप पंजाब सरकार में संकट की कल्पना कर सकते हैं, अगर उसे यह समझने में 20 महीने लग गए कि उसके एक प्रमुख मंत्री को सौंपा गया विभाग वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं था। अरविंद केजरीवाल एक ढोंगी हैं, जिन्हें सार्वजनिक जीवन से बाहर कर दिया जाना चाहिए।
दिल्ली से रिमोट कंट्रोल: बादल
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब में ऐसी चीजें हो रही हैं, क्योंकि इसे दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है।
सिर्फ कागजों पर था विभाग
हांलाकि अब धालीवाल केवल एनआरआई मामलों के विभाग का प्रभार संभालेंगे. अधिसूचना में कहा गया है, “मंत्रियों के बीच विभागों के आवंटन के संबंध में पिछली पंजाब सरकार की अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए, धालीवाल को पहले आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग आज की तारीख में अस्तित्व में नहीं है.” अधिसूचना में कहा गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर धालीवाल के पोर्टफोलियो में संशोधन का निर्णय 7 फरवरी, 2025 से प्रभावी होगा.