पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 5 मार्च को प्रस्तावित किसानों के धरने से पहले किसान नेताओं पर बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 5 मार्च को चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन का एलान किया था। लेकिन उससे पहले ही कई किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मंगलवार सुबह पुलिस ने पंजाब के विभिन्न किसान संगठन के नेताओं के घरों पर छापेमारी की है। किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर लोगों ने कई जगहों पर पुलिस का विरोध किया है।
किसान और सरकार में नहीं बनी बात
गौरतलब है कि सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतसिंह मान और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के बीच बैठक हुई थी। लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही थी। बैठक के बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने 5 मार्च को चंडीगढ़ में धरना, विरोध प्रदर्शन और मार्च करने का ऐलान किया था। लेकिन इससे पहले कि किसान चंडीगढ़ कूच कर पाते, पुलिस ने बठिंडा जिले में करीब एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की और कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि किसान नेताओं और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में काफी तल्खी देखने को मिली थी। किसान नेताओं ने दावा किया था कि ‘नाराज’ मुख्यमंत्री भगवंत मान ‘बिना किसी उकसावे के बैठक से चले गए।
दिल्ली हार का बदला पंजाब से: किसान
किसान नेता दावा कर रहे हैं कि सीएम मान ने लोकतंत्र में भी धरना करने का अधिकार नहीं दे रहे। यहां तक कहा गया है कि पिछले तीन सालों में उनकी सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया, किसान परेशान हैं, ड्रग्स बड़ी समस्या है। लेकिन दिल्ली हार का बदला पंजाब में निकाला जा रहा है। किसान नेताओं को ऐसा भी लगने लगा है कि कांग्रेस और बादल परिवार भी इस मामले में किसानों का साथ नहीं दे रहा क्योंकि उन्हें डर है कि उनके खिलाफ भी एक्शन हो सकता है। फरीदकोट में कौमी किसान यूनियन के प्रांतीय प्रधान बिंदर सिंह गोलेवाला समेत 15 किसानों को हिरासत में लिया गया है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि हो गई है।
बैठक के बाद भगवंत मान ने कहा था कि किसानों से बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता के लिए असुविधा और परेशानी खड़ी करने से बचा जाना चाहिए। एक बयान में मान ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है तथा रेल या सड़क अवरोधों के माध्यम से आम आदमी के लिए परेशानी खड़ी करने से बचा जाना चाहिए। मान ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से आम जनता को परेशानी होती है, जिसके कारण वे आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं, जिससे समाज में मतभेद पैदा होता है। सीएम भगवंत मान ने यह भी कहा कि हालांकि विरोध प्रदर्शन किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इससे पंजाब को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है।