कुशीनगर: जनपद में चौक-चौराहों, नगरपालिका क्षेत्रों और ग्रामीण बाजारों में रोजाना लगने वाली हजारों मांस-मछली की दुकानों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सरकार के निर्देशों के बावजूद, मांस विक्रेता खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और जिम्मेदार विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं।
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे विक्रेता:
- बिना लाइसेंस के दुकानें: नगरपालिका और ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों की संख्या में मांस की दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं।
- गंदगी का अंबार: दुकानों के अंदर और बाहर गंदगी का ढेर लगा रहता है।
- अस्वच्छता: स्वच्छता के मानकों का पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है।
- संक्रमित मांस: बिना जांच पड़ताल के काटे गए जानवरों का मांस बेचा जा रहा है।
- नाजायज वध: वधशाला का चयन नहीं होने के कारण, मांस विक्रेता सड़कों के किनारे मांस काट रहे हैं।
- खतरनाक मांस: दूषित मांस खाने से सेहत के लिए गंभीर खतरा है।
जिम्मेदार विभागों की लापरवाही:
- नगर पालिका परिषद: मांस दुकानों के संचालन पर नियंत्रण रखने में नाकाम।
- पशुपालन विभाग: जानवरों के स्वास्थ्य और मांस की जांच नहीं कर रहा है।
- स्वास्थ्य विभाग: खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल।
- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग: नियमों का पालन नहीं करवा रहा है।
लोगों की सेहत खतरे में:
- बीमारियां: दूषित मांस खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
- अस्पतालों में बढ़ती भीड़: दूषित मांस खाने से लोग बीमार होकर अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।
यह देखना बाकी है कि कब तक विभाग कुंभकर्णी नींद में सोते रहेंगे और कब लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई होगी।