Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई का नाम आजकल भारतीय आपराधिक जगत में एक प्रमुख नाम बन चुका है। वर्तमान में साबरमती जेल में बंद, बिश्नोई कई हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़े हैं, जिनमें बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकी देने, एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या, और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या शामिल हैं। हाल ही में, उनके परिवार की ओर से खुलासा हुआ है कि वे हर साल उनके ऊपर लगभग 40 लाख रुपये खर्च करते हैं ताकि जेल में उन्हें कोई कठिनाई न हो। इस खर्च का विवरण उनके चचेरे भाई रमेश बिश्नोई ने साझा किया, जिसने यह भी बताया कि परिवार कभी नहीं सोचता था कि पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून का स्नातक बनने वाला लॉरेंस एक अपराधी बनेगा।
लॉरेंस का असली नाम बलकरण बरार है। उनका जन्म पंजाब के फिरोजपुर में हुआ था, और उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में ही “लॉरेंस” नाम अपनाया था। उनकी आंटी ने इस नाम का सुझाव दिया था, यह कहते हुए कि यह अधिक आकर्षक लगता है। यह नाम उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया और जैसे-जैसे उन्होंने अपराध की दुनिया में कदम रखा, यह नाम उनके लिए पहचान बन गया।Lawrence Bishnoi
लॉरेंस बिश्नोई के परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा से अच्छी रही है। उनके पिता हरियाणा पुलिस में कॉन्सटेबल थे और उनके पास गांव में 110 एकड़ जमीन थी। ऐसे में लॉरेंस का महंगे कपड़े और जूते पहनने का शौक भी स्वाभाविक था। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे हमेशा लॉरेंस के साथ रहे हैं, भले ही उनका रास्ता अपराध की ओर मुड़ गया हो।
लॉरेंस का नाम जब से हाई-प्रोफाइल अपराधों से जुड़ा है, तब से उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आया है। सलमान खान को धमकी देने का मामला, जिसमें बिश्नोई ने एक पत्र भेजकर खान को चेतावनी दी थी, विशेष रूप से चर्चा का विषय बना। यह धमकी एक पुराने मामले से जुड़ी थी, जिसमें सलमान पर काले हिरण का शिकार करने का आरोप था। इसके बाद एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने और भी हंगामा मचाया, जब यह बात सामने आई कि इस हत्या का मास्टरमाइंड भी बिश्नोई गैंग हो सकता है।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद बिश्नोई के गैंग का नाम और भी चर्चित हो गया। इस घटना ने भारतीय संगीत उद्योग में एक बड़ा धक्का दिया और कई प्रशंसकों के लिए शोक का कारण बना। इसके साथ ही, कनाडा की सरकार ने भी आरोप लगाया है कि भारतीय एजेंट्स लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर खालिस्तानी कट्टरपंथियों को निशाना बना रहे हैं। यह बात इस बात का संकेत है कि लॉरेंस का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है।
लॉरेंस के चचेरे भाई रमेश ने कहा कि परिवार कभी नहीं सोचता था कि लॉरेंस एक अपराधी बन जाएगा। उनका कहना है कि लॉरेंस की प्रारंभिक शिक्षा और परिवार का माहौल ऐसा था कि किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि वह इस दिशा में बढ़ेगा। हालाँकि, उनके जीवन का यह मोड़ न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक बड़ा झटका था।Lawrence Bishnoi
उनकी जेल में रखरखाव के लिए परिवार द्वारा किया गया खर्च यह दर्शाता है कि वे अब भी उन्हें समर्थन दे रहे हैं। यह खर्च बेहतर खानपान, संचार की सुविधाएं, और अन्य आवश्यकताओं के लिए होता है। परिवार की यह जिम्मेदारी एक ओर उनकी निष्ठा को दर्शाती है, तो दूसरी ओर यह सवाल भी उठाती है कि क्या अपराधियों का समर्थन करना सही है।Lawrence Bishnoi
लॉरेंस बिश्नोई का जीवन एक जटिल कहानी है, जो न केवल व्यक्तिगत चुनौतियों, बल्कि समाज में आपराधिक गतिविधियों की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। उनके मामले ने यह दिखा दिया है कि संगठित अपराध कैसे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में फैल सकता है और कैसे यह राजनीतिक और सामाजिक ढांचे को प्रभावित कर सकता है। इस मामले से जुड़े सभी पहलू एक गहन विमर्श की आवश्यकता को दर्शाते हैं, जिसमें अपराध, परिवार, और समाज के बीच की जटिलताओं का विश्लेषण किया जा सके।Lawrence Bishnoi
इस प्रकार, लॉरेंस बिश्नोई का जीवन हमें एक चेतावनी देता है कि कैसे एक व्यक्ति की गलत पसंद न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार और समाज के लिए भी गंभीर परिणाम ला सकती है। जैसे-जैसे उनकी कहानी का यह अध्याय आगे बढ़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में क्या मोड़ आता है।Lawrence Bishnoi