28 अगस्त 2024 – Lallan Singh : जनता दल (यू) के प्रमुख ललन सिंह ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। ललन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिम बंगाल में मौजूदा सरकार की नाकामी और कांग्रेस पार्टी के जाति आधारित गणना के मुद्दों पर टिप्पणी की।
ललन सिंह का बयान
ललन सिंह ने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। हाल ही में हुए कोलकाता रेप-मर्डर केस ने राज्य में प्रशासनिक और कानूनी विफलता को उजागर किया है। ममता बनर्जी की सरकार इस गंभीर मुद्दे पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।” Lallan Singh
राहुल गांधी पर निशाना
ललन सिंह ने राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के मुंह पर टेप लगाना चाहिए। उनकी टिप्पणियाँ और उनकी पार्टी की रणनीतियाँ स्पष्टता से पूरी तरह वंचित हैं। कांग्रेस पार्टी में अब कोई दिशा नहीं है और राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है।” Lallan Singh
कोलकाता रेप-मर्डर केस पर टिप्पणी
ललन सिंह ने कोलकाता में हाल ही में हुए रेप और मर्डर केस की जांच और उसके प्रति सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सरकार अपराधों से निपटने में नाकाम रही है और इस प्रकार की घटनाएं राज्य में बढ़ती जा रही हैं। Lallan Singh
जाति आधारित गणना पर कांग्रेस को घेरा
जाति आधारित गणना के मुद्दे पर ललन सिंह ने कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस जाति आधारित गणना के मुद्दे को केवल राजनीतिक लाभ के लिए उछाल रही है। इससे केवल समाज में असंतोष और विभाजन बढ़ेगा, जबकि कांग्रेस को वास्तविक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
पार्टी और सरकारी प्रतिक्रियाएं
ममता बनर्जी और कांग्रेस पार्टी ने ललन सिंह के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। ममता ने कहा कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा को लेकर गंभीर है और सभी आरोप निराधार हैं। कांग्रेस ने राहुल गांधी पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी जाति आधारित गणना के मुद्दे को समाज के विकास के लिए आवश्यक मानती है और इस पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है। Lallan Singh
आगे की दिशा
ललन सिंह के बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति और कांग्रेस पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे इन मुद्दों पर आगे की राजनीति और रणनीतियाँ विकसित होती हैं और इनका आगामी चुनावों पर क्या असर पड़ता है।