KALMA: कलमा नहीं आता, तो मौत मिलेगी
पहलगाम आतंकी हमला,
इस हमले के बारे में अबतक आप सब कुछ जान ही चुके होंगे, लेकिन… ये आतंकी हमला कैसे हुआ, किसने किया… इस आतंकी हमले में किसका हाथ था… सरकार इस हमले का कैसे जवाब देगी… ये तो आपको हर जगह ही सुनने को मिल रहा होगा।
और इस हमले में एक अहम बात भी सुनी होगी कि, आतंकियों ने पहले धर्म पूछा और धर्म, हिंदू बताते ही सीधा गोलियों से भून दिया… इसके अलावा बेगुनाह टूरिस्टों से कलमा पढ़ने को भी कहा गया कि, लेकिन अगर वे टूरिस्ट मुस्लमान होते तो कलमा पढ़ लेते, लेकिन हिंदू लोग कलमा के बारे में क्या जानें… और कलमा नहीं पढ़ पाने की सजा थी मौत…
अब सवाल ये उठता है कि, आखिर ये कलमा है क्या… और कलमा नहीं पढ़ पाने की सजा मौत क्यों है… क्या वाकई ही कलमा नहीं पढ़ पाना कोई गुनाह है… आतंकी क्यों चाहते हैं कि, हिंदू कलमा पढ़े…क्या कलमा में ऐसा है कि जो कलमा ना पढ़ पाए, तो उसे गोलियों से भून दिया जाए, तो इसका जवाब है….बिल्कुल नहीं… ये वो दरिंदे थे जिन्होंने केवल धर्म और कलमा को हिंदू टूरिस्ट की मौत के लिए आधार बनाया….
चलिए, तो कलमा को लेकर कुछ बाते साझा करती हूं…
कलमा को समझने के लिए कुरान को समझना होगा…कुरान में ही एक आयत है- ‘लकुम दीनुकुम वली दीन’। इस आयत का मतलब उन लोगों को समझ आ गया होगा, जिन्होंने कुरान पड़ी है… लेकिन, अगर आपने कुरान नहीं पढ़ी तो, इस आयत का मतलब मैं बताती हूं.. इसका मतलब है “तुम्हारे लिए तुम्हारा धर्म है, और मेरे लिए मेरा धर्म है।” ये आयत दूसरे धर्म को मानने वालों के लिए है कि, वे अपना धर्म मानें और और जो अल्लाह को मानते हैं, अपना धर्म मानें। ये आयत इस बात का संदेश देती है कि, हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है।
इस आयत के बारे में तो आप जान गए… अब जानते हैं कलमा का क्या मतलब है, सबसे पहले इसे समझते हैं
‘ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मद रसूल उल लल्लाह’। ये होता है कलमा पढ़ना । इसका मतलब ये है कि, “अल्लाह एक है और मोहम्मद उसके रसूल या नबी हैं”। यानी जो भी मुसलमान है, उसे यs यकीन होना चाहिए कि, जो बातें कलमा में कही गई हैं, वो सही हैं। इस्लाम में दाखिल होने के लिए पहला कलमा तय्यब पढ़ना जरूरी होता है, जिसे दो हिस्से में पढ़ा जाता है।
अल्लाह वो ईश्वर है, जिसकी मुसलमान पूजा करते हैं, और जिसके आगे सिर झुकाते हैं। ये ही वजह है कि मुसलमान का सिर सिर्फ अल्लाह की इबादत में ही झुकता है। और ये बनाने वाले थे इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब… जिन्होंने इस्लाम को मानने वालों के लिए पांच नियम बनाए।
इस्लाम को मानने वालों के लिए 5 नियम
1- कलमा
2- नमाज
3- रोजा
4- जकात
5- हज
कलमा इन नियमों का पहला पड़ाव है। इस्लाम में 6 कलमा होते हैं… जिसमें पूरे इस्लाम का वर्णन होता है….
इस्लाम में होते हैं 6 कलमा
1- पहला कलमा तैय्यब- अल्लाह और मुहम्मद की नबी होने की एकता की घोषणा करता है।
2- दूसरा कलमा शहादत- आस्था की गवाही की पुष्टि करता है, जिसे अक्सर इस्लाम अपनाने के दौरान पढ़ा जाता है।
3- तीसरा कलमा तमजीद- अल्लाह की महानता और दया का गुणगान करता है।
4- कलमा तौहीद- अल्लाह की एकता, जीवन और मृत्यु पर उसकी शक्ति की बात करता है।
5- कलमा अस्तगफर- ज्ञात और अज्ञात दोनों पापों के लिए क्षमा मांगता है।
6- कलमा रद्दे कुफ्र- अविश्वास और पापपूर्ण कार्यों को अस्वीकार करता है।
अब पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों से जबरन कलमा पढ़ने को कहा। ऐसा न करने पर आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। किसी से जबरन कलमा पढ़वाकर उसे इस्लाम में दाखिल करवाना सबसे बड़ा गुनाह है। और ऐसा मैं नहीं कह रही हूं, ऐसा कुरान शरीफ की सूरा बकरा, आयत 256 की इस आयत में साफ कहा गया है कि, इस्लाम में किसी भी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं है।
कुरान शरीफ की सूरा यूनुस में मौजूद आयत ‘लौ शाआ रब्बुका’ में कहा गया है कि ‘अगर खुदा चाहता तो जमीन में जो भी मौजूद हैं वो मुसलमान होते। जब खुदा ने उन्हें जबरन मुसलमान नहीं बनाया तो क्या तुम उनपर जबरदस्ती करोगे?’ जोर जबरदस्ती, धोखेबाजी या बहला-फुसलाकर इस्लाम कुबूल करवाना गुनाह है।
किसी ने कलमा नहीं पढ़ा तो इसका मतलब ये नहीं है कि उसे मार दिया जाए। कुरान में कहा गया है कि, मासूम लोगों की हत्या करना इस्लाम के खिलाफ है।
पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर कम से कम 26 लोगों को मार डाला। ये आतंकी सेना की वर्दी में आए थे। आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, नाम पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और फिर हिंदू हो, कहकर गोली मार दी। 26 लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक थे। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है।
लेकिन, दहशतगर्दों को पनाह देने वाले पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं ने ये आतंकी हमला सिर्फ भारत के बेगुनाह 26 पर्यटकों पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर किया है… जिसका बदला हर हाल में लिया जाएगा… जिसका संदेश खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दे चुके हैं…. प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में पाकिस्तान को धमाके हुए कह दिया है कि, आतंकियों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी… उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा….