लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर पिछले साल की तरह इस बार भी सियासी घमासान देखने को मिला। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और उसकी सरकार समाजवादियों को जेपी को याद नहीं करने दे रही है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वे भाजपा के साथ गठबंधन छोड़ दें, क्योंकि नीतीश का राजनीतिक सफर जेपी आंदोलन से जुड़ा है।

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने आवास के बाहर जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि भाजपा की सरकार समाजवादियों के कामों को रोक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जेपीएनआईसी (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) को अपने लोगों को बेचने की साजिश कर रही है। यह केंद्र समाजवादी नेताओं को एक ही जगह सम्मान देने के लिए बनाया गया था।

अखिलेश ने कहा, “हम हर साल जेपी की जयंती मनाएंगे। यह सरकार गूंगी और बहरी है। अब तो यह दिखाई भी नहीं दे रही है।” उन्होंने कहा कि जो भी समाजवादी सोच वाले लोग सरकार में हैं, उन्हें भाजपा का साथ छोड़ देना चाहिए। उनका आरोप है कि सरकार अपने कर्तव्यों में विफल रही है और अब उन्हें सुरक्षा कारणों का बहाना बना रही है।

जदयू की प्रतिक्रिया

जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें सब्र रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश वास्तव में जय प्रकाश नारायण की जयंती को महत्व देते हैं, तो उन्हें अपने आचरण में भी इसे दर्शाना चाहिए।

राजीव रंजन ने कहा, “अखिलेश यादव की पार्टी हमेशा राजनीति करती है। अगर उन्हें जेपी की श्रद्धांजलि देने की इतनी परवाह है, तो उन्हें अपने नैतिक मूल्यों को भी ध्यान में रखना चाहिए।”

सुरक्षा के तर्क पर सवाल

अखिलेश ने सवाल उठाया कि जब सरकार गरीबों को भेड़ियों और गुलदारों से नहीं बचा सकती, तो उनकी सुरक्षा के बारे में चिंता क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सुरक्षा को खतरा था, तो उन्हें सही तरीके से बाहर ले जाना सरकार की जिम्मेदारी थी।

पुलिस की तैनाती

जेपी की जयंती पर सुरक्षा कारणों से गोमतीनगर स्थित जेपीएनआईसी के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया था ताकि सपा कार्यकर्ता वहां न पहुंच सकें। पिछले साल अखिलेश ने जेपीएनआईसी का गेट फांदकर श्रद्धांजलि दी थी, जिसके बाद भारी हंगामा हुआ था।

इस साल प्रशासन ने जेपीएनआईसी के गेट पर टिनशेड लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी थी। हालांकि, सपा कार्यकर्ता इस बार भी वहां पहुंचने के लिए प्रयासरत थे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बेरिकेटिंग की, जिससे वहां जाम जैसी स्थिति नहीं बनी।



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