बीजापुर जिले के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में एसआईटी को एक बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद वह फरार था और बीती रात एसआईटी की टीम ने उसे हैदराबाद से गिरफ्तार कर बीजापुर लाया है। इस हत्या के मामले में उसकी पत्नी को भी कांकेर जिले से गिरफ्तार किया गया है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर के सड़क निर्माण में गड़बड़ी को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें ठेकेदार के द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने का आरोप था। इस रिपोर्ट के बाद ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके परिवार ने मुकेश से विरोध करना शुरू किया। यह घटना एक जनवरी 2025 की रात को घटी, जब रितेश चंद्राकर, सुरेश का भाई, मुकेश को उनके घर बुलाकर वहां भोजन के दौरान उनसे बहस करने लगा। बहस के दौरान रितेश ने अपने सहयोगी महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। शव को बाद में पास के सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया और उसे ढक्कन से बंद कर दिया गया। इस हत्या के बाद आरोपी रितेश चंद्राकर ने रायपुर एयरपोर्ट के पास अपनी कार खड़ी की और दिल्ली भाग गया, जबकि सुरेश चंद्राकर हैदराबाद भाग गया था।

हत्या के बाद पुलिस ने अपनी जांच तेज़ कर दी और एसआईटी टीम का गठन किया। एसआईटी टीम ने आरोपी रितेश चंद्राकर को दिल्ली से और अन्य आरोपियों को बीजापुर से गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के बाद अब मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है।

हत्या की घटनाओं और गिरफ्तारी की कार्रवाई

यह हत्या एक नृशंस अपराध थी, जो खासकर बीजापुर जिले के सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की खोज करने वाले एक पत्रकार की जान ले ली। मुकेश चंद्राकर ने इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए सड़क निर्माण में घोटाले का खुलासा किया था, जिसमें 120 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी। इसके कारण ठेकेदार और उनके परिवार के सदस्यों का गुस्सा बढ़ गया था, और यही गुस्सा हत्या का कारण बना। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी थी।

सुरेश चंद्राकर और उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। एसआईटी ने आरोपियों के अवैध संपत्ति और संपत्तियों पर नजर रखी और छानबीन शुरू की। सुरेश चंद्राकर के गंगालूर सड़क पर स्थित पांच एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा होने का पता चला। इसके बाद प्रशासन ने इस जमीन पर बुलडोज़र चलाया और उसे खाली करवा लिया। इसी प्रकार, आरोपियों के अन्य अवैध अतिक्रमणों को भी प्रशासन द्वारा खाली कराया जा रहा है।

सुरेश चंद्राकर की कार भी रायपुर एयरपोर्ट के पास से जब्त की गई है। इसके अलावा, आरोपी के सभी बैंक खाते और एटीएम ट्रांजैक्शन को सीज कर दिया गया है ताकि वह डिजिटल माध्यम से कोई भी लेन-देन न कर सके। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने बीजापुर स्थित वन विभाग की भूमि पर भी अवैध कब्जा किया था। इस कब्जे को भी खाली करवाने के लिए वन विभाग की टीम रवाना की गई है।

विपक्ष और प्रशासन की प्रतिक्रियाएं

इस मामले में बस्तर संभाग के आईजी पी सुंदरराज ने भी बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मुकेश चंद्राकर की हत्या दो लोगों द्वारा मिलकर की गई थी, जिनमें ठेकेदार के मुंशी महेन्द्र रामटेके और उसके भाई रितेश चंद्राकर शामिल थे। इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई को और तेज़ कर दिया।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या में कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के रिश्तेदारों रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेन्द्र रामटेके को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच में एसआईटी की पूरी टीम लगी हुई है, और वे दोषियों को जल्द सजा दिलवाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

आगे की जांच के लिए एक 11 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर कर रहे हैं। इस टीम ने मामले में फरार मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को पकड़ने के लिए चार अलग-अलग टीमों को काम पर लगाया है। इस दौरान पुलिस ने मामले की स्पीडी ट्रायल के लिए पूरी कोशिश करने का भरोसा दिया है।

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