J&K: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के किए गए कड़े इंतजाम
कहा जाता है कि, आत्मरक्षा और सुरक्षा में उठाया गया हथियार, जुर्म नहीं होता। कानून में भी इसके लिए अलग से प्रावधान किया गया है। वहीं अब सुरक्षा को कई पैमानों पर मापा जा रहा है। सेना, बल और ना जाने कितनी ही चीजों में सुरक्षा पहली प्राथमिकता बन गई है। हाल ही में हुए पहलगामी आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर कहीं ना कहीं सवाल उठाए जा रहे है… J & K के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बयान दिया है कि, मैं उन पर्यटकों की सुरक्षा करने में कहीं ना कहीं नाकामयाब रहा। लेकिन अब जब बारी है, उन मौतों का बदला लेने की, तो सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है।
इसी कड़ी में जहां एक तरफ बैठकों का दौर जारी है, वही अब कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में मौजूद 50 पार्कों और उद्यानों को बंद कर दिया गया है। और इन्हें बंद करने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि, आतंक से घाटी के लोगों की सुरक्षा, घाटी में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा। वही अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि, पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी के संवेदनशील इलाकों में मौजूद करीब 50 सार्वजनिक पार्क और उद्यान बंद कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि, पर्यटकों के लिए खतरे की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के 87 सार्वजनिक पार्कों और उद्यानों में से 48 के गेट बंद कर दिए गए हैं। वैसे सुरक्षा समीक्षा एक सतत प्रक्रिया है और आने वाले दिनों में सूची में और स्थान जोड़े जा सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि, बंद किए गए पर्यटक स्थल कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में हैं और इनमें पिछले 10 साल में खोले गए कुछ नए स्थल भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि, पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित स्थानों में दूषपथरी, कोकरनाग, डुक्सुम, सिंथन टॉप, अच्छाबल, बंगस घाटी, मार्गन टॉप और तोसामैदान शामिल हैं। हालांकि अधिकारियों ने इस संबंध में कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन इन स्थानों पर प्रवेश रोक दिया गया है।
बता दें कि, ये फैसला पहलगाम आतंकी हमले के बाद आया है। 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला हुआ था। जिसमें एक विदेशी नागरिक सहित देश के 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे।
वहीं, घाटी में पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पर्यटक जुड़ने लगे हैं। हमले के कुछ दिनों बाद पर्यटक मंगलवार को प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए भद्रवाह पहुंचे। यहां पर्यटकों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और कहा है कि उन्हें कश्मीर में आने से कोई नहीं रोक सकता।
एक पर्यटक ने कहा कि, कुछ दिन पहले पहलगाम में जो हमला हुआ वो पाकिस्तान की बड़ी ही शर्मनाक हरकत है। हमारी सरकार उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी। पर्यटकों पर हमला करने के पीछे उनका उद्देश्य यहां पर्यटन को कम करना था। लेकिन ऐसा नहीं होगा। कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। ये मातृभूमि हमारी है, हम यहां आए हैं और आते रहेंगे।