दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत 2 जून को खत्म हो रही है. इससे पहले उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका फाइल की. इसमें उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन और जमानत की मांग की. आप नेता अतिशी ने बाताया कि केजरीवाल की तबीयत ज्यादा खराब है. उनका कीटोन लेवल बहुत बढ़ा हुआ है, जिसके लिए उनको कैंसर की जांच समेत कई मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत है.
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने प्रेस वर्ता में कहा, ‘केजरीवाल की बीमारी इतनी गंभीर है कि उनकी किडनी के खराब होने के साथ ही कैंसर तक का खतरा है.’ आतिशी ने आगे कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, गिरफ्तार होने के तुरंत बाद उनका वजन सात किलोग्राम कम हो गया था. उनका वजन अभी री-गेन नहीं हो पाया है. टेस्ट में उनका कीटोन लेवल काफी हाई आया है. डॉक्टरों का मानना है कि उस पर और परीक्षण किए जाने की जरूरत है; इसलिए, यह याचिका दायर की गई है.’
लेकिन जेल जाने से ठीक पहले केजरीवाल की इस याचिका पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने इस याचिका पर सवाल उठाया है. उसने आरोप लगाया कि केजरीवाल जेल जाने से बचने के लिए नया हथकंडा अपना रहे हैं. वहीं, दिल्ली में AAP के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने इसे कोर्ट का मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया है.
बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि केजरीवाल का पूरा इलाज होना चाहिए. हमारी कामना है दिल्ली के मुख्यमंत्री जल्दी से स्वस्थ हो जाएं. हमें लगता है कि हर कोई यही चाहता होगा क्योंकि स्वास्थ्य और सियासत दोनों अलग-अलग मसले हैं, लेकिन अंतरिम जमानत के लिए दिए तर्कों के बाद कुछ सवाल ज़रूर खड़े होते हैं. सवाल ये कि अगर केजरीवाल की तबीयत इतनी गंभीर है तो वो चुनाव के दौरान लगातार प्रचार क्यों कर रहे हैं. वो लगातार अपनी सेहत पर रिस्क क्यों ले रहे हैं. अगर केजरीवाल को कैंसर का खतरा है जैसा कि उनकी पार्टी के नेता दावा कर रहे हैं तो वो फ़ौरन उस जांच को क्यों नहीं करा रहे हैं, जिसके लिए डॉक्टर ने उनको बोला है.
केजरीवाल की इस नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला करेगा और कब करेगा ये पता नहीं, लेकिन जब तक कोई फैसला नहीं आता तब तक के लिए इतना तो तय है कि 5 दिन बाद 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा. उन्हें फिर से तिहाड़ जाना होगा. दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल के बयान पर भी कोर्ट ने सरेंडर की बात दोहराई थी.