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हनुमान जी की रोचक कथाएं

Interesting stories of Hanuman ji

हनुमान जी की रोचक कथाएं

Interesting stories of Hanuman ji

पवन तनय संकट हरन; मंगल मूर्ति रूप
राम लखन सीता सहित। ह्रद्य बसहु सुर भूप।।
अर्थात् हे पवनपुत्र! आप सभी संकटो का हरण करने वाले हैं, आप मंगल मूरत वाले हैं। मेरी प्रार्थना है कि आप श्रीराम, श्रीजानकी एवं लक्ष्मणजी सहित सदा मेरे ह्रदय में निवास करें

पवनपुत्र, अंजनीसुत और रामभक्त हनुमान जो अपनी शक्ति, ज्ञान, सूझ-बूझ और सबसे महत्वपूर्ण भक्ति के लिए जाने जाते है। बेहद चंचल स्वभाव के और मजेदार व्यक्तित्व के भगवान है। उनके बचपन के किस्से सुन लें तो वाकई कह देंगे भगवन अद्भुत है आप। कैसे ये सब एक छोटे से बालक द्वारा संभव है। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको हनुमान जी से जुड़ी ही कुछ ऐसी रोचक और दिव्य बातें बताने जा रहे है जिन्हें सुनकर आप अवश्य ही आश्चर्यचकित हो जाएंगें। सबसे पहली बात है

शक्ति और अजर-अमरत्व का वरदान
हनुमान जी की शक्तियों की, बाल अवस्था में ही उन्होंने भगवान सूर्य को फल समझकर निगल लिया। अब आप खुद समझ सकते है जहां तक जाने का भी अभी मनुष्य रास्ता भी नहीं खोज पाया है वही भगवान हनुमान जी ने अपनी अपार शक्ति के चलते भगवान सूर्य को अपने मुंह में निगल लिया। सूर्य देव को निगलने के पश्चात् पूरे संसार में अंधेरा छा गया। हनुमान जी को अष्टसिद्धि और नव निधियों का वरदान प्राप्त है और तो और माता सीता ने उन्हें अजर-अमर रहने का आशीर्वाद दिया था। उनकी शक्तियों की जितनी बात करें उतनी कम है उनकी शक्तियों का साफ-स्पष्ट वर्णन रामायण और अन्य पुराणों में किया गया है।

राम के प्रति अनन्य भक्ति

हनुमान जी की भक्ति पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। भक्ति ऐसी जिसका कोई तोड़ नहीं। बचपन से ही केवल एक उद्देश्य को लेकर चले कि रामजी से भेंट हो जाए। और राम भक्ति में तो भक्त हनुमान इतने लीन हो जाते थे कि उसके बाद उन्हें किसी भी चीज की कोई सुध-बुध नहीं थी।

रामायण में एक कहानी बेहद प्रचलित है जिसमें माता सीता एक बार सिंदूर लगाती है तो भक्त हनुमान माता सीता से पूछते है कि आप ये सिंदूर क्यों लगा रही है तो माता सीता कहती है कि हे हनुमान मेरे पति की लंबी उम्र के लिए मैं ऐसा करती हूं यहीं सुनते ही भक्त हनुमान की बुद्धि जागी और उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया और पहुंच गए राम दरबार में। जब भगवान राम ने ऐसा करने का कारण पूछा तो बताया और कहां अब मेरे प्रभू की दीर्घायु होगी।

संकटमोचन और कष्टहरण
हनुमान जी को “संकटमोचन” कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी संकटों को दूर करते हैं। संकट में अक्सर उन्हीं की याद भक्तों को आती है। और उनसे तो भूत-पिशाच ड़र के तुरंत भाग जाते है। उनकी पूजा से नकारात्मक ऊर्जा और भय का नाश होता है। “हनुमान चालीसा” का पाठ भक्तों को सदैव और प्रतिदिन करना चाहिए। ताकि उन्हें कोई भी नकारात्मक शक्ति परेशान ना कर सकें।

कलयुग में विशेष प्रभाव
पौराणिक मान्यता है कि, कलयुग में हनुमान जी की पूजा सबसे प्रभावशाली मानी जाती है। वे ऐसे देवता हैं जो इस युग में भी सशरीर उपस्थित हैं और अपने भक्तों की मदद करते हैं। अगर आपने भगवान जगन्नाथ के बारे में सुना है तो आपको पता होगा कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर की रक्षा में भी खुद हनुमान जी विराजमान है।

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