महाराष्ट्र के बीड जिले में मस्जिद में हुए विस्फोट के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी ने बीजेपी नेताओं पर मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि इंसाफ के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। बीड जिले में ईद से पहले मस्जिद में हुए ब्लास्ट ने सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद राज्य सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे तनाव बढ़ रहा है।
बीड जिले में मस्जिद में हुआ विस्फोट
महाराष्ट्र के बीड जिले के गेवराई तहसील के अर्धा मसला गांव में स्थित एक मस्जिद में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को धमाका हुआ। जानकारी के अनुसार, मस्जिद में छुपाकर रखी गई जिलेटिन की छड़ों में विस्फोट हुआ। हालांकि, इस विस्फोट में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ, लेकिन मस्जिद का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
इस घटना को लेकर तनाव उत्पन्न हुआ, लेकिन हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के ग्रामीणों ने स्थिति को शांत बनाए रखने में मदद की और यह सुनिश्चित किया कि तनाव और न बढ़े। फिर भी, इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है और विभिन्न राजनीतिक दल इसे लेकर सरकार पर हमलावर हो गए हैं।
अबू आज़मी का बयान
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष, अबू आज़मी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि इंसाफ के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में बीजेपी नेताओं द्वारा मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की जा रही है, जिसका परिणाम इस तरह की घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है।
अबू आज़मी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेताओं पर मुसलमानों के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने का आरोप लगाया और कहा कि जब मंत्री और मुख्यमंत्री भी मुसलमानों के खिलाफ बयान देंगे, तो आम जनता में मुसलमानों के प्रति नफरत पैदा होगी और ऐसी घटनाएं घटित होंगी।
उन्होंने विशेष रूप से नागपुर की घटना का उल्लेख किया, जहां एक व्यक्ति ने कहा था कि वहां मस्जिद क्यों बनी और अगर उसे नहीं हटाया जाता, तो वह उसे तोड़ देता। बाद में इसी व्यक्ति ने मस्जिद पर बम फेंका, लेकिन उसके खिलाफ हल्की धाराओं में कार्रवाई की गई। अबू आज़मी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मामले में आतंकवाद से जुड़ी धाराएं लगाई जानी चाहिए और NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
आखिर क्या हुआ?
अबू आज़मी ने यह भी कहा कि अगर कोई मुसलमान ऐसा करता है, तो उस पर जल्दी से बुलडोजर चला दिया जाता है, लेकिन इस मामले में बुलडोजर शायद पंचर हो गया है। उनका सवाल था कि इस देश में क्या हो रहा है, जहां एक समुदाय के खिलाफ कार्रवाई इतनी कड़ी होती है, जबकि दूसरे समुदाय के मामलों में हल्की धाराएं लगाई जाती हैं।