शंभू बॉर्डर से किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच करने की तैयारी में है। किसानों ने इसे ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन नाम दिया है। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “मोर्चे को चलते 297 दिन हो गए है और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। आज दोपहर 1 बजे 101 किसान-मजदूर का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेगा।”
किसान आंदोलन के मध्यनजर दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर में धारा 144 लागू कर दी है। वहीं, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है जबकि,ड्रोन और वाटक कैनन का अरेंजमेंट भी किया गया है।
किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा,’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।’ ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है।
‘बिना अनुमति दिल्ली में एंट्री नहीं’
अंबाला (हरियाणा) के डीसी ने किसान नेताओं को पत्र लिख कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दिल्ली कूच को स्थगित करनी की अपील की है। डीसी अंबाला ने किसानों को पत्र जारी कर कहा कि अंबाला में पहले से बीएनएस की धारा 163 लागू है। किसानों को दिल्ली कूच से पहले दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने होगी। बिना अनुमति के किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।