महाकुंभ में वायरल हुए IIT बाबा ने की भगवान महादेव से बात ! लोगों ने किया जमकर ट्रोल
महाकुंभ में IIT बाबा के नाम से वायरल हुए हरियाणा के झज्जर निवासी अभय सिंह सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं. जिसकी वजह उनकी कुछ नए वीडियो है जो इन दिनों काफी वायरल हो रहे हैं। जिनमें वो कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, भगवान महादेव मुझसे बात करते हैं। और मुझे भगवान विष्णु कहते हैं। अभय सिंह ने कहा कि, मैं भगवान हूं और सब लोग मेरे हाथों की कठपुतली हैं।
जिसके बाद से सोशल मीडिया पर IIT बाबा को ट्रोल किया जा रहा है। जिसमें एक यूजर ने संजय दत्त कि फिल्म मुन्ना भाई MBBS से डॉयलॉग लिखा- सब्जेक्ट दिमाग यूज नहीं कर सकता। वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा कि IIT बाबा बिग बॉस के अगले सीजन के लिए एक दम फिट हैं। कुछ यूजर ने बाबा के नशा करने को लेकर भी सवाल खड़े किए।
अब IIT बाबा के 2 बयानों के बारे में आपको बताते हैं, जिससे वो निशाने पर आ गए
अभय सिंह, IIT बाबा:
- इंसानियत ही कुछ अलग है सही में। मैं इतने टाइम से बोल रहा हूं, मैं प्योर हार्ट वाला इंसान हूं। मैं बोल रहा हूं कि भगवान महादेव मुझसे बात करते हैं। महादेव मुझे बोल रहे हैं कि तू ही भगवान विष्णु है, तो मैं झूठ थोड़े ही बोल रहा हूं। जब सब कुछ प्रूफ कर दूंगा। सारी शक्तियां ले लूंगा। तब मानोगे। फिर मानने का मतलब ही क्या है। फिर सबको सुदर्शन चक्र से काट दूंगा। सुदर्शन से नहीं कटोगे तो त्रिशूल से काट दूंगा। महादेव त्रिशूल भी दे देंगे मुझे।
अभय सिंह, IIT बाबा:
- मैं क्लेरीफाई कर रहा हूं कि, कौन मेरी साइड है। एक भी इंसान मेरी साइड ना हो तो भी चलता है। बाकी सारी शक्तियां मेरे ही पास हैं। हवा–पानी मेरे कब्जे में है। इंसान को पूरा रिवाइव करना हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है। आप सब लोग मेरे हाथ की कठपुतली हो। तुम नहीं मानते तो मैं दूसरे तरीके से दिखाऊंगा।
जूना अखाड़े के शिविर से IIT बाबा को प्रतिबंधित कर दिया
आपको बता दें कि, महाकुंभ में जूना अखाड़े के शिविर से IIT बाबा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अखाड़े के प्रवक्ता ने उन्हें ‘पढ़ा-लिखा पागल’ बताया। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि, उसने सोशल मीडिया पर अपने गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इसलिए उसे अखाड़े की छावनी और उसके आसपास आने पर रोक लगा दी गई है। अभय सिंह साधु नहीं बने थे। वो लखनऊ से ऐसे ही यहां आ गए और स्वयंभू साधु बनकर घूम रहे थे।
साथ ही उन्होंने बताया कि, अखाड़े में अनुशासन सर्वोपरि है। अखाड़े के हर सदस्य को अनुशासन में रहना जरूरी है। लेकिन अभय सिंह ने अपने गुरु का अपमान करके इस परंपरा को तोड़ा। इसे देखते हुए अखाड़े की अनुशासन समिति ने उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की और उसे निष्कासित कर दिया गया।