गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान सूरत सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द हो गया था. 21 अप्रैल को नामांकन रद्द होने के बाद वो गायब हो गए थे. इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जो भी हुआ उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा, मैंने कोइ गद्दारी नहीं की है, गद्दारी मेरे साथ कांग्रेस ने की थी. साल 2017 के विधानसभा चुनावों में मुझे कांग्रेस ने विधानसभा का टिकट दिया था और मेन्डेट भी दिया था फिर नामांकन के वक्त मेरा मेन्डेट किसी और उम्मीदवार को दे दिया गया था, उसे गद्दारी कहते हैं.
सूरत में लोकसभा चुनाव में मुझे टिकट मिलने के बाद प्रचार शुरू कर दिया था. सभाएं कर रहे थे और सारी चीजें अच्छी तरह से चल रही थी पर सूरत में कुछ कांग्रेसी नेताओं को यह पसंद नहीं था. उन्होंने मुझे कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ क्यों प्रचार कर रहे हो? अब विधानसभा चुनाव में सूरत की सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को ज्यादा मत मिले थे और उनके साथ लोकसभा में गठबंधन है तो प्रचार करने में गलत क्या है ?
सबकुछ समझाने के बावजूद स्थानीय 4-5 कांग्रेसी नेता नहीं माने क्योंकि उनको लग रहा था कि हम अच्छी महेनत कर रहे हैं इसलिए उन्होंने प्रचार में आना बंद कर दिया और कार्यकर्ताओ को भी मना कर दिया.
नीलेश कुंभानी ने आगे, इसके बाद मेरी टीम और मेरे प्रस्तावकों ने मुझे कहा कि यह गलत हो रहा है, इसलिए उन्होने यह सब किया. यह कुछ भी पहले से प्लान नहीं था. मैंने चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी की थी और हमेशा कांग्रेस के लिए काम किया है.
उन्होंने कहा, कोरोना के वक्त भी कांग्रेस नेता के तौर पर लोंगो की मदद की और पूरी सहायता की थी. कहीं पर भी पीछे नहीं हटा फिर भी लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने के बाद कुछ लोग मुझे परेशान कर रहे थे जिसके बाद हमने कांग्रेस को दिखा देने का फैसला किया.
कुंभानी ने कहा, कांग्रेस ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट देने के बाद मेरे साथ गद्दारी की थी, मैंने कोई गद्दारी नहीं की. नामांकन रद्द होने के बाद मै कानूनी प्रक्रिया के लिए अहमदाबाद जा रहा था तब स्थानीय कांग्रेस नेता मेरे घर पहुंचकर गद्दारी का आरोप लगाने लगे इसलिए मैं लौट आया और अपने फार्म पर चला गया था. अब चुनाव पूर्ण हो चुके हैं इसलिए सामने आकर सच्चाई बता रहे हैं.
नीलेश कुंभानी के आरोपों पर कांग्रेस के नेताओं ने अभी कोइ प्रतिक्रिया नहीं दी है. कुंभानी ने यह भी कहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी की वजह से वह चुप थे पर अब स्थिति स्पष्ट कर दी है, किसी में हिम्मत है तो मुझे छूकर बताए, आज भी सभी नेता मेरे साथ है. बता दें कि सूरत सीट से नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेस ने कुंभानी को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है.