BHUPENDRA SINGH HOODA
BHUPENDRA SINGH HOODA: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य की नायब सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि, प्रदेश में तेजी से बढ़ती गरीबी और अन्य सामाजिक समस्याएं सरकार की असफलताओं को उजागर करती हैं। हुड्डा ने कहा कि, सरकार के ही आंकड़े ये साबित कर रहे हैं कि हरियाणा देश का सबसे गरीब राज्य बन गया है, जहां 75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है।
हुड्डा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ 80 लाख है, और ये अत्यंत दुखद है कि, इनमें से दो करोड़ 11 लाख लोगों को गरीबी के दलदल में धकेल दिया गया हैं। इसका मतलब है कि राज्य सरकार इन लोगों को उचित रोजगार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ पानी, पर्याप्त भोजन और सुरक्षित आवास मुहैया नहीं करवा पा रही है। ये सरकार की नाकामी को दर्शाता है।”
वही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस बात का भी जिक्र किया कि कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के दौरान इन मुद्दों को उठाया था। उस वक्त हरियाणा में 70 प्रतिशत आबादी को बीपीएल के तहत दर्शाया गया था, और सरकार ने इसकी जांच की बात कही थी, लेकिन उसके बाद ये आंकड़ा बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया। ये दर्शाता है कि राज्य में गरीबी तेजी से बढ़ रही है और सरकार इससे निपटने में नाकाम रही है।
हुड्डा ने कहा, “कांग्रेस के शासनकाल में हरियाणा देश का सबसे विकसित राज्य था, जहां प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार और विकास के हर पैमाने पर हम अव्वल थे। लेकिन BJP सरकार के पिछले दस वर्षों में, बेरोजगारी, महंगाई, कर्ज और गरीबी के मामले में हरियाणा अब पीछे है। सरकारी आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था बैक गियर में चली गई है।”
आपको बता दें कि, वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मानेसर जमीन घोटाले के मामले पर कहा कि “मैं उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं और मामले की न्यायिक प्रक्रिया का पालन करूंगा”
इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर सरकार ने जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो कांग्रेस आगामी चुनावों में सत्ता में आने के बाद इन मुद्दों पर गंभीर कदम उठाएगी।
कुल मिलाकर, हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें राज्य की बढ़ती गरीबी, बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था और मानेसर भूमि घोटाले के मुद्दे शामिल हैं। उनके आरोपों के बाद, अब यह देखना होगा कि भाजपा सरकार इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और क्या हुड्डा के आरोपों का राजनीतिक असर होता है।