कोरोना वायरस के बाद दुनियाभर में नई तरह की संक्रामक बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। अब भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। हाल ही में असम और पुडुचेरी जैसे राज्यों में इस वायरस के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है।
एचएमपीवी वायरस क्या है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक ऐसा वायरस है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को संक्रमित करता है। इसके लक्षण फ्लू या अन्य श्वसन रोगों की तरह ही होते हैं।
देश में एचएमपीवी वायरस के मामले
अब तक भारत में 16 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामलों की पुष्टि दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में हुई है।
- असम:
डिब्रूगढ़ में एक 10 महीने के बच्चे में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है। बच्चे को चार दिनों से सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्या थी। टेस्ट कराने पर वह वायरस पॉजिटिव पाया गया। फिलहाल बच्चे का असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा है, और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। - पुडुचेरी:
यहां 5 साल की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। बच्ची को तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। टेस्ट के बाद पता चला कि वह एचएमपीवी पॉजिटिव है। बच्ची का इलाज जारी है और उसकी हालत भी स्थिर है। - अन्य राज्य:
गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, नागपुर, मुंबई और उत्तर प्रदेश में भी एचएमपीवी वायरस के मामले सामने आए हैं।
एचएमपीवी वायरस के लक्षण (HMPV Virus Symptoms)
एचएमपीवी वायरस के संपर्क में आने के 3 से 6 दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं। इसके सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- नाक बंद या नाक बहना
- खांसी
- सांस लेने में तकलीफ
- बुखार
- गले में खराश
- थकान और कमजोरी
गंभीर मामलों में यह निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस का कारण भी बन सकता है, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों में।
दूरदराज के इलाकों में वायरस फैलने के कारण
एचएमपीवी वायरस का असम और पुडुचेरी जैसे दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचना चिंता का विषय है। इन क्षेत्रों में आमतौर पर संक्रामक रोग देर से पहुंचते हैं, लेकिन इस बार वायरस ने तेजी से इन इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
इसके संभावित कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- यातायात और यात्रा:
रिमोट एरिया तक पहुंचने वाली सड़क और हवाई सेवाओं की बढ़ती पहुंच ने वायरस को इन इलाकों में फैलने का मौका दिया। - भीड़भाड़ और सामाजिक समारोह:
धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने से वायरस का प्रसार तेजी से होता है। - स्वास्थ्य सेवाओं की कमी:
इन इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित होती हैं, जिससे संक्रमित व्यक्ति समय पर इलाज नहीं करा पाता और वायरस फैलने लगता है। - कमजोर प्रतिरोधक क्षमता:
बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे वे जल्दी संक्रमित हो जाते हैं।
एचएमपीवी और कोरोना वायरस में समानता
एचएमपीवी वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से काफी हद तक मिलते-जुलते हैं। यह भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, एचएमपीवी अभी तक कोरोना जितना गंभीर और घातक साबित नहीं हुआ है।
चिकित्सा और बचाव के उपाय
एचएमपीवी वायरस का फिलहाल कोई विशेष टीका या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। संक्रमित व्यक्ति को आराम करने, पर्याप्त पानी पीने और बुखार-खांसी के लिए सामान्य दवाएं लेने की सलाह दी जाती है।
बचाव के उपाय:
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
- नियमित रूप से हाथ धोएं।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
- यदि लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां
एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है।
- असम और पुडुचेरी में संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं।
- संभावित संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए संक्रमित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है।
- जनता को जागरूक करने के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी की गई है।