HMPV Update

चीन के बाद भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के नए मामलों में इजाफा हो रहा है। बता दें कि, शुक्रवार को राजस्थान और गुजरात में एक-एक केस मिला था। यहां लखीमपुर में 10 महीने का एक बच्चा इस वायरस संक्रमित है। फिलहाल बच्चे को डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि, बच्चे की स्थिति स्थिर है और चिंता की कोई बात नहीं है।

आपको बता दें कि, असम से सामने आए मामले के बाद भारत में  ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुल 15 केस हो गए हैं। सबसे ज्यादा 4 मामले गुजरात में हैं।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ?
US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक
1-HMPV न्यूमोविरिडे फैमिली से संबंधित है
2-जो एक रेस्पिरेटरी सिसिटियल वायरस (RSV) की ही फैमिली है.
3- ये आमतौर पर ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण का कारण बनता है
4- जो सामान्य सर्दी या फ्लू के समान लक्षण पैदा करता है.

कैसे फैलता है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ?
1- खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स
2- हाथ मिलाने
3- किसी को स्पर्श करने
4- नजदीकी संपर्क में आने
5- दूषित सतहों पर हाथ लगाने
6- मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है
क्या हैं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के लक्षण ?
1- खांसी और बहती हुई नाक
2- बुखार,गले में खराश
3- गले में जलन
4- कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई HMPV के सामान्य लक्षण हैं.
5- कुछ मामलों में संक्रमण ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के लक्षणों में भी तब्दील हो सकता है

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का किन्हें अधिक खतरा ?
1- CDC के मुताबिक, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे
2- शिशु, वृद्ध और विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग
3- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, अस्थमा या COPD जैसी श्वसन समस्याओं वाले लोगों ज्यादा खतरा है
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से कैसे सुरक्षित रहें ?
1- HMPV को रोकने के लिए अभी कोई विशेष वैक्सीन नहीं है
2- संक्रमण के जोखिम को सिर्फ कम किया जा सकता है
3- हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें
4- अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें
5- श्वसन संबंधी बीमारी के लक्षण वाले लोगों से दूर रहें
6- बार-बार छुई जाने वाली सतहों को साफ करते रहें
7- संक्रमण फैलने वाले या फ्लू के मौसम के दौरान मास्क पहनें

चैनल 4 न्यूज इंडिया का मकसद आपको डराना नहीं, सिर्फ सतर्क करना है

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